किडनी के लिए घातक है पेन किलर
भागलपुर। बदन दर्द, सिर दर्द होने पर दर्द निवारक दवा खाने से किडनी प्रभावित हो रही है। स्थिति
भागलपुर। बदन दर्द, सिर दर्द होने पर दर्द निवारक दवा खाने से किडनी प्रभावित हो रही है। स्थिति यह है कि प्रतिमाह दो से तीन मरीजों का इलाज जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में किया जा रहा है। खासकर मधुमेह के मरीज जब दर्द निवारक दवा खाते हैं तो तेजी से उनकी किडनी प्रभावित होती है। हालांकि मधुमेह पीड़ित अगर खानपान में परहेज नहीं करते हैं तो भी किडनी प्रभावित होती है।
डॉ. राजकमल चौधरी का कहना है कि बदन और सिर दर्द होने का कोई कारण होता है। बिना दर्द का कारण जाने दर्द निवारक दवा नहीं खानी चाहिए। लगातार दर्द निवारक दवा खाने से किडनी प्रभावित होती है साथ ही पेशाब में भी रुकावट होती है। उन्होंने कहा कि मधुमेह के 40 फीसद मरीज की किडनी प्रभावित हो जाती है जब वह बिना चिकित्सक की सलाह से दर्द निवारक दवा का सेवन करता है। इसके अलावा रक्तचाप के मरीजों में भी किडनी प्रभावित होने का मामला मिला है। मरीज से पूछे जाने पर जानकारी मिलती है कि वह तीन, चार वर्षो से जब सिर या बदन दर्द होता था तब दर्द निवारक दवा खा लेता था।
प्रतिदिन पांच किमी. चलें, रहेंगे स्वस्थ
डॉ. भारत भूषण ने कहा कि आइब्रुफेन , कॉम्बीफ्लाम, इंडोमेथासीन आदि दर्द निवारक दवाएं खाने से किडनी प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि जिन्हें पांच किलोमीटर पैदल चलने की आदत नहीं है। जब वे पैदल चलते हैं तो पैर में दर्द होने लगता है। ऐसी स्थिति में पैर दर्द होने पर वे दर्द निवारक दखा खा लेते हैं। जबकि पैर की मालिश करने से दर्द से निजात मिल सकती है। सिर दर्द भी धूप या आंख की बीमारी से हो सकता है। लेकिन दर्द से छुटकारा पाने के लिए दर्द निवारक दवा खाना उचित नहीं है।