तीन को जेल, 1615 झोलाछाप डॉक्टरों से मेल
भागलपुर [अशोक अनंत] ज्यादातर गावों में झोला छाप चिकित्सकों की भरमार है। 1615 गावों में
भागलपुर [अशोक अनंत]
ज्यादातर गावों में झोला छाप चिकित्सकों की भरमार है। 1615 गावों में कई गांव वैसे हैं, जहां दो-दो चिकित्सक बेरोकटोक क्लीनिक चला रहे हैं। लेकिन औषधि विभाग इन चिकित्सकों पर कार्रवाई नहीं कर रहा। चौंकाने वाली बात तो यह कि स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख (रोग नियंत्रण) डॉ. केपी सिन्हा के निर्देश को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। इतना ही नहीं सिविल सर्जन के निर्देश को भी दरकिनार कर पत्राचार में उलझाया जा रहा है। हालांकि एक बार फिर सिविल सर्जन ने 30 दिसंबर को पत्र के माध्यम से औषधि विभाग को निर्देश दिया है। कहा है कि भविष्य में अनावश्यक पत्राचार न करे। उन्होंने कहा है कि क्लीनिक चला रहे झोलाछाप डॉक्टरों को चिन्हित कर कार्रवाई करें। उन्होंने कहा है कि डॉक्टरों को चिन्हित कर कार्रवाई करने का निर्देश मई में भी दिया गया था।
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2016 में मात्र तीन फर्जी चिकित्सकों पर हुई कार्रवाई
- नौ अगस्त को बाथ थानाअंतर्गत सुलतानपुर में शैलेश कुमार उर्फ शैलेश मंडल इलाज करते व दवा बेचते पकड़ा गया। इसके पास से 66 प्रकार की दवाएं जब्त की गई।
- सात सितंबर को लहेरी टोला स्थित बिना लाईसेंस के 263 प्रकार की दवाएं जब्त की गई तथा डिग्री भी वैद्य नहीं पाई गई।
- 25 नवंबर को रंगरा सधवा चापर का प्रवेज कुमार बिना डिग्री उपचार करते पकड़ा गया। इसके क्लीनिक से 173 प्रकार की दवाएं जब्त की गई।
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कोट :
शीघ्र ही औषधि निरीक्षकों को झोलाछाप चिकित्सकों की सूची देने का निर्देश दिया गया है।
डॉ. विजय कुमार, सिविल सर्जन