मांस-मछली की दुकानें बांट रही बीमारी
शहर में चल रही मांस-मछली की दुकानें लोगों को बीमारी बांट रही हैं।
भागलपुर। शहर में चल रही मांस-मछली की दुकानें लोगों को बीमारी बांट रही हैं। दरअसल, शहर में ज्यादातर दुकानें या तो नाले के ऊपर खोली गई हैं या उसके आस-पास। दुकानदार मानक की अनदेखी तो करते ही हैं साफ-सफाई का भी ख्याल नहीं रखते। ऐसे में नाली के ऊपर व धूल के बीच मांस-मछली काटने व बचने से उसमें कई प्रकार के जीवाणु पनप जाते हैं। इसे खाने से आए दिन लोग पेट संबंधी बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। जेएलएनएमसीएच के आंकड़े इसकी पुष्टि कर रहे हैं। चिकित्सक ने बताया कि प्रतिदिन 30 मरीज पेट संबंधी बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं।
बीमार पशुओं के मांस की बिक्री
शहर में कई ऐसे दुकानदार हैं जो बीमार पशुओं के मांस को भी धड़ल्ले से बेच रहे हैं। जबकि पशु वध से पहले उसके स्वास्थ्य की जांच कराने का नियम है। पर इससे दुकानदारों को कोई मतलब नहीं। वे थोड़े से पैसे के लिए लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इधर, खुले में पशु मांस की बिक्री पर निगम भी रोक नहीं लगा पा रहा है। जो व्यवस्था की बड़ी खामी है।
ज्यादातर दुकानों का निबंधन नहीं
शहर में मांस-मछली की चार सौ से भी अधिक दुकानें हैं। शायद ही कोई ऐसी दुकान हो जहां नियम-कानून का पालन हो रहा हो। ज्यादातर ने तो अपनी दुकान का निबंधन तक नहीं कराया है। नोटिस दिए जाने के बाद भी मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है।
निकायों को है पर्याप्त अधिकार
आम नागरिकों को स्वस्थ व स्वच्छ पशु मांस उत्पादों की आपूर्ति व विक्रय व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा निकायों को पर्याप्त अधिकार दिए गए हैं। सरकार ने माना है कि सड़क किनारे व फुटपाथ पर जगह-जगह पशु मांस उत्पादों की बिक्री सामाजिक विकृति का द्योतक है। जन मानस पर इसका कुप्रभाव पड़ रहा है। जबकि प्रावधानों के मुताबिक पशु मांस उत्पादों को निर्धारित मानकों के अनुरूप विक्रय की जांच के लिए निगम को शक्ति दी गई है। बावजूद इसके मानकों को नजरअंदाज करने वाले विक्रेताओं पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जा रही है।
मीट-मछली की दुकानों के लिए मानक
- बिक्री के लिए रखे गए पशु मांस उत्पादों को आवरण के पीछे रखा जाए।
- दुकान व वधशाला के ऊपर छत होनी चाहिए।
- दुकान में न्यूनतम 1.8 मीटर तक टाइल्स की व्यवस्था होनी चाहिए।
- मोनोलिथिक इपोक्सी युक्त फ्लोर होना चाहिए।
- स्टेनलेस स्टील वास बेसिन की व्यवस्था होनी चाहिए।
- सेप्टिक टेंक व व्यवस्थित ड्रेन सिस्टम जरूरी
- वेंटिलेशन सिस्टम के साथ एक्सहोस्ट भी आवश्यक
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कोट :-
बीमार पशुओं का मांस खाने से बढ़ सकता है कॉलेस्ट्रॉल, हो सकता है हार्ट अटैक
खुले में बेचे जा रहे मांस के सेवन से पेट संबंधी बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है। बीमार पशुओं का मांस खाने से कॉलेस्ट्रॉल बढ़ने व हृदय रोग होने की संभावना रहती है। हार्ट अटैक भी हो सकता है।
- डॉ. राजकमल चौधरी, फीजिशियन, जेएलएनएमसीएच।