OMG! कमर दर्द से बेहाल मो. शहाबुद्दीन ने एक ही झटके में माप ली फुट ओवरब्रिज!
भागलपुर जेल में कमर दर्द से बेहाल राजद के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन कल दिल्ली एम्स भेजे गए लेकिन शहाबुद्दीन ने कल रेलवे स्टेशन के फुटब्रिज को एक झटके में मापा।
By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2016 09:46 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2016 02:57 PM (IST)
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। भागलपुर जेल में कमर दर्द से बेहाल सिवान के पूर्व राजद सांसद मो.शहाबुद्दीन का दर्द बुधवार की शाम जेल से बाहर होते ही काफूर नजर आया। नवगछिया रेलवे स्टेशन की फुट ओवरब्रिज की सारी सीढिय़ां उन्होंने झटके में नाप लीं। यह देख सुरक्षा बल हतप्रभ रहे। रेलवे ओवरब्रिज पर चलने का उनका अंदाज बीमार होने की चुगली करता रहा।
जमीन पर सोने में हो रही थी कमर दर्द की शिकायत
19 मई को शहाबुद्दीन को जब विशेष केंद्रीय कारा के थर्ड सेक्टर स्थित एक नंबर के अंडा सेल में जमीन पर सोने का आदेश हुआ तो उन्होंने कमर दर्द की शिकायत की थी। कहा था, एम्स में बैक बोन के आपरेशन बाद से उन्हें जमीन पर सोने से डॉक्टरों ने मना किया है। पूर्व सांसद अपने बात पर अड़ गए थे। काफी मशक्कत बाद जेल प्रशासन उन्हें अंडा सेल भेजने में कामयाब रहा था।
भागलपुर जेल में आते ही बढ़ गया दर्द
भागलपुर जेल में पहली रात गुजारने के साथ ही पूर्व सांसद की कमर में दर्द बढ़ गया। चिकित्सकीय जांच बाद उन्हें अस्पताल वार्ड में शिफ्ट किया गया। वहां शहाबुद्दीन को बेड भी मिला और पीने के लिए मिनरल वाटर भी जबकि अंडा सेल में किसी तरह लेटने भर की व्यवस्था थी। पानी टंकी का पीना पड़ता था। अस्पताल वार्ड में सामान्य जीवन की सारी सुविधाएं मुहैया मिलीं। वहां सजावार बंदी सहयोग के लिए भी दिए गए। मगर, एक सप्ताह बाद ही पूर्व दर्द अचानक बढ़ गया।
पटना से हुआ मेडिकल बोर्ड का गठन
इस बार कमर के साथ-साथ पीठ में भी दर्द हुआ। दर्द इतना असहनीय कि जेल से बाहर सदर अस्पताल और जवाहर लाल नेहरू अस्पताल से चिकित्सकों का दल बुलाना पड़ा। यह भी तय हुआ कि अब मेडिकल बोर्ड का गठन कर दिया जाए।
नाटकीय घटनाक्रम में जब भागलपुर के सिविल सर्जन ने हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं होने की बात कह हाथ खड़े कर दिए तो पटना से मेडिकल बोर्ड का गठन हुआ। तीन डॉक्टरों की टीम आकर भागलपुर जांच भी की और उस टीम ने एम्स में उपचार कराने की सलाह दी। फिर जेल प्रशासन की रिपोर्ट, मेडिकल बोर्ड की जांच रिपोर्ट बाद गृह विशेष विभाग की स्वीकृति बाद सरकार से पूर्व सांसद को एम्स भेजने का आदेश जारी हुआ।
बड़े नेता की दिलचस्पी की चर्चा
पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति मामले में भी तीन दिनों का हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। इस दौरान चर्चा एक प्रमुख राजनेता की दिलचस्पी की भी रही। आनन-फानन में कटिहार रेलवे स्टेशन से राजधानी कोटे में पांच सीटें आरक्षित हुई। उसी बोगी में किसी तरह सारे सुरक्षाकर्मी प्रवेश कर रवाना हो गए। सीटें आरक्षित कराने में भी भागलपुर के एक अधिकारी और कटिहार के एक अधिकारी से फोन पर लंबी मंत्रणा हुई।
इन तमाम नाटकीय घटनाक्रम के बाद बुधवार को जब भागलपुर जेल से नवगछिया रेलवे स्टेशन पर पूर्व सांसद को उतारा गया तो आश्चर्यजनक तरीके से शहाबुद्दीन ने सुरक्षाकर्मियों के घेरे में रेलवे फुट ओवरव्रिज की तमाम सीढिय़ां झटके में पार कर लीं। वह भी अपनी पुरानी स्टाइल में आंख पर काला चश्मा चढ़ाए ब्लू जींस और हाफ हत्थे वाली सफेद शर्ट पहने। उनके चलने का स्टाइल कमर दर्द से उनके बेहाल होने की चुगली करता रहा।
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