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इंजीनिय¨रग कॉलेज में होगी एमटेक की पढ़ाई

भागलपुर। भागलपुर इंजीनिय¨रग कॉलेज में जल्द एमटेक की पढ़ाई शुरू होगी। यहां से पीएचडी की भी डिग्री दी जाएगी। साथ ही साथ रिसर्च का भी काम भी शुरू होगा। इस कार्य को आगे बढ़ाने का काम गवर्निग बॉडी के दिशा निर्देश में पूरा होगा। इसमें संस्थान एनआइटी पटना से भी समन्वय स्थापित करेगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 02:15 AM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 02:15 AM (IST)
इंजीनिय¨रग कॉलेज में होगी एमटेक की पढ़ाई
इंजीनिय¨रग कॉलेज में होगी एमटेक की पढ़ाई

भागलपुर। भागलपुर इंजीनिय¨रग कॉलेज में जल्द एमटेक की पढ़ाई शुरू होगी। यहां से पीएचडी की भी डिग्री दी जाएगी। साथ ही साथ रिसर्च का भी काम भी शुरू होगा। इस कार्य को आगे बढ़ाने का काम गवर्निग बॉडी के दिशा निर्देश में पूरा होगा। इसमें संस्थान एनआइटी पटना से भी समन्वय स्थापित करेगी।

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यह मौका संस्थान को तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता विकास परियोजना (टेक्यूप) फेज टू में बेहतर कार्य करने पर मिला है। जिसके आधार पर संस्थान का टेक्यूप फेज-3 के लिए भी भारत सरकार ने चयन कर लिया है। फेज-3 में संस्थान को भारत सरकार के माध्यम से विश्व बैंक से 15 करोड़ राशि आवंटित की जाएगी।

जिस राशि से संस्थान की आधारभूत संरचना का विकास होगा। लैब में अत्याधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे। छात्र-छात्राओं के साथ-साथ शिक्षकों के लिए तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता विकास के लिए सेमिनार सहित प्रशिक्षण कार्य भी चलाया जाएगा। कमजोर छात्रों के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएं जाएंगे। जिससे गेट (ग्रेजुएट एप्टीच्यूड टेस्ट इन इंजीनिय¨रग) की परीक्षा में यहां के बच्चे बेहतर कर सकें। फेकल्टी मेंबर की भी नियुक्ति होगी।

बता दें कि फेज-2 में संस्थान को केंद्र सरकार के माध्यम से विश्व बैंक द्वारा छह करोड़ की राशि प्राप्त हुई थी, जिसमें यहां के बच्चों को गुणोत्तर शिक्षा के कई नए आयाम उपलब्ध कराए गए हैं। यहां के बच्चे कई सेमिनार में अब आइआइटीयन की तुलना में भी बेहतर प्रदर्शन करने लगे हैं। बावजूद इसके संस्थान में मेन पावर की कमी इसके विकास में बाधक बना हुआ है। इधर, दिल्ली से लौटे प्रंाचार्य डॉ. निर्मल कुमार ने बताया कि ट्रिपल आइटी के लिए एमओयू की दिशा में प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है।

कोट..

ट क्यूप से संस्थान प्रगति के पथ पर है। यहां शिक्षक व कर्मियों की आवश्यकतानुसार नियुक्ति हो जाए तो अखिल भारतीय स्तर पर संस्थान की गिनती होने लगेगी।

डॉ. निर्मल कुमार, प्राचार्य, बीसीई, भागलपुर।


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