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अतिक्रमण हटाने से पूर्व बागबाड़ी को बसाने की थी योजना

भागलपुर। बागवाड़ी को अनियोजित ढंग से बसाया गया था। मन में जो प्लान आया उसके अनुसार बाजार (भागलपुर हाट) को बसा दिया गया। दुकानदारों को सब्जबाग दिखाकर उनके साथ ठगी की गई। दुकानों का किराया भी घटता-बढ़ता रहा। लोगों को इस हाट की ओर आकर्षित करने के लिए जब मन चाहा किराये की दर घटा दी गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Apr 2017 01:58 AM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2017 01:58 AM (IST)
अतिक्रमण हटाने से पूर्व बागबाड़ी को बसाने की थी योजना
अतिक्रमण हटाने से पूर्व बागबाड़ी को बसाने की थी योजना

भागलपुर। बागवाड़ी को अनियोजित ढंग से बसाया गया था। मन में जो प्लान आया उसके अनुसार बाजार (भागलपुर हाट) को बसा दिया गया। दुकानदारों को सब्जबाग दिखाकर उनके साथ ठगी की गई। दुकानों का किराया भी घटता-बढ़ता रहा। लोगों को इस हाट की ओर आकर्षित करने के लिए जब मन चाहा किराये की दर घटा दी गई।

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दुकानदार भी इस लालच में फंसते गए। इतना ही नहीं मुंदीचक स्थित मिनी मार्केट से थोक विक्रेताओं को हटाने के लिए भी निर्देश दिए गए। इसके पीछे तर्क दिया गया कि यह आवासीय इलाका है। यहां ट्रकों के प्रवेश होने से जाम की समस्या बन जाती है। 31 मार्च के बाद मिनी मार्केट में ट्रकों का प्रवेश भी बंद करने का आदेश दिया गया था।

भागलपुर हाट में बसे दुकानदारों का मानना है कि शहर में अतिक्रमण हटाने के पूर्व बागवाड़ी को बसाने की योजना बना ली गई थी। भले ही इसको मूर्तरूप देने में छह महीने लग गए और दुकानदारों का काम भी पूरा नहीं हुआ।

कृषि उत्पादन बाजार समिति के प्रांगण बागवाड़ी में दो तालाब की खुदाई भी हुई है। इस तालाब की गहराई सामान्य तालाब से अधिक है। वैसे जांच टीम का दावा है कि इसकी गहराई 15 फीट के करीब है। बागवाड़ी में दुकान आवंटन में हुई गड़बड़ी की जांच कर रही टीम तालाब खुदाई के औचित्य की भी जांच कर रही है। कहा गया कि मनरेगा से जो तालाब की खुदाई होती है वह सात-आठ फीट से अधिक गहरी नहीं होती है। यहां जो गहराई की गई है वह किसी अपार्टमेंट या मॉल के फाउंडेशन की तरह है। वैसे दुकानदारों के बीच यह चर्चा है कि एक तालाब में मत्स्य पालन की योजना थी तो दूसरे में स्वीमिंग पुल बनाने की दिशा में काम हो रहा था। तत्काल एसडीओ के निर्देश पर बागवाड़ी में सभी तरह के कार्य रोक दिए गए हैं। जांच टीम तालाब की आड़ में इसके पीछे के मकसद का पता लगा रही है।

उधर, जांच टीम आम दुकानदारों से पूछताछ के बाद अब अंतिम चरण में है। सिर्फ बैंकों में जमा राशि का दस्तावेजी मिलान शेष रह गया है। यह देखा जाएगा कि दुकानदारों से जो राशि ली गई है उसे बैंक में जमा किया गया है या नहीं। टीम पहले ही दूसरे बैंक में खाता खुलवाने की मंशा पर संदेह कर चुकी है। बागवाड़ी के दुकानदारों से ली गई राशि को जमा करने के लिए बैंक ऑफ महाराष्ट्र में खाता खुलवाए गए थे।

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प्रशासक को अगस्त में हाट बसाने का दिया था प्रस्ताव

भागलपुर : कृषि उत्पादन बाजार समिति (विघटित) के विशेष पदाधिकारी सह सदर अनुमंडल पदाधिकारी कुमार अनुज ने अपने पत्र संख्या 25, दिनांक 28 जुलाई 2016 को बागवाड़ी में भागलपुर हाट के रूप में नए बाजार व्यवस्था के प्रारंभ करने के संबंध में पत्र लिखा था। विशेष पदाधिकारी के पत्र के आलोक में डीएम ने बिहार कृषि विपणन पर्षद (वि) को पत्र लिखकर कहा था कि यह परिसर विघटन के उपरांत जीर्ण अवस्था में है। यहां से किसी प्रकार के कृषि उत्पाद के विपणन का कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। विशेष पदाधिकारी ने इसे भागलपुर हाट के रूप में विकसित किये जाने हेतु प्रस्ताव दिया है, जो एक सकारात्मक पहल है। इससे यहां कृषि उत्पाद के विपणन का माहौल बनेगा और राजस्व की प्राप्ति होगी।


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