सिट डाउन बोलने पर खड़ा हो जाता पुलिस का डॉगी
भागलपुर [समीर सिंह] आम तौर पर अपराध की घटनाओं के बाद अपराधियों तक पहुंचने के लिए पुलिस खोजी कुत्तों का सहारा लेती है लेकिन, आश्चर्य की बात यह है कि ये खोजी कुत्ते अब अनुपयोगी साबित हो रहे हैं। आलम यह है कि पुलिस का यह विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कुत्ता सिट डाउन कहने पर खड़ा हो जाता है।
भागलपुर [समीर सिंह]
आम तौर पर अपराध की घटनाओं के बाद अपराधियों तक पहुंचने के लिए पुलिस खोजी कुत्तों का सहारा लेती है लेकिन, आश्चर्य की बात यह है कि ये खोजी कुत्ते अब अनुपयोगी साबित हो रहे हैं। आलम यह है कि पुलिस का यह विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कुत्ता सिट डाउन कहने पर खड़ा हो जाता है।
भागलपुर पुलिस के पास सात लेब्रा डॉग हैं। लेकिन इनमें से कुछ ऐसे हैं जो सिट डाउन बोलने पर खड़े रह जाते हैं। अगर डॉग स्क्वाड के इंचार्ज दूसरी बार उन्हें बैठने के लिए कहते हैं तो डॉग बैठते तो हैं लेकिन उसके फिर तुरंत बाद खड़े हो जाते हैं। आप इसी बात से अंदाज लगा सकते हैं कि जब उठने बैठने में दो-तीन बार बोलना पड़ता है तो अपराधी तक पहुंचने में पुलिस को कितनी मशक्कत करनी पड़ती होगी।
आर्मी कैंट से हुई थी खरीदारी
मेरठ स्थित आर्मी कैंट से खोजी कुत्तों की खरीदारी की गई थी। सभी कुत्ते तीन वर्ष से सात वर्ष की आयु के हैं। बताया जाता है कि सभी विशेष प्रशिक्षण प्राप्त हैं।
बमों की बरामदगी भी नहीं होती
कुत्तों में गंध सूंघने की क्षमता 50 गुना अधिक होती है। उनके प्रशिक्षण पर हजारों रुपये खर्च किए जाते हैं। लेकिन भागलपुर पुलिस के आधा दर्जन से अधिक कुत्तों ने मिलकर अब तक एक भी बम की बरामदगी नहीं की है जबकि पिछले एक माह में शहर में बमबाजी की लगभग आधा दर्जन घटनाएं हो चुकी हैं।
ये है खोजी कुत्तों की खुराक
साढ़े नौ सौ ग्राम मीट, 233 ग्राम चावल, आधा किलो दूध, 100 ग्राम पेडिग्री खोजी कुत्तों की प्रतिदिन की खुराक है। इन कुत्तों को मंगलवार के दिन छोड़कर सप्ताह में छह दिन मीट दिया जाता है।
ट्रेनिंग के लिए जगह की कमी
कुत्तों को ट्रेनिंग के लिए पुलिस लाइन में जगह की कमी है। प्रतिदिन पुलिस को गाड़ी से उन्हें हवाई अड्डा ले जाना पड़ता है। कुत्तों को सुबह सात बजे से करीब नौ बजे तक प्रतिदिन ट्रेनिंग दी जाती है।
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-------केस स्टडी- एक-----
तीन चक्कर मार कर फिर चौराहे पर खड़ा हो गया कुत्ता
कुछ माह पूर्व मानिक सरकार मोहल्ले में अजय कुमार सिंह के घर चोरी हो गई थी। सूचना मिलने पर खोजी कुत्तों की मदद ली गई। अपराधियों के एक रूमाल को सूंघने के बाद कुत्ते ने गली में तीन चक्कर लगाए। लेकिन हर बार चक्कर लगाने के बाद चौराहे पर वह खड़ा हो जाता था। पुलिस यह मान कर चल रही थी कि चोरों ने चौराहे से किसी वाहन का इस्तेमाल किया होगा।
----केस स्टडी- दो-----
बैंक डकैती कांड में भी असफलता
कुछ साल पूर्व घंटाघर स्थित ग्रामीण बैंक में डकैती हुई थी। डकैतों तक पहुंचने के लिए खोजी कुत्तों की मदद ली गई। लेकिन इस मामले में भी पुलिस को असफलता ही हाथ लगी।
------केस स्टडी - तीन-----
..और कोतवाली थाना में घूस गया कुत्ता
एक पुलिस जवान की मानें तो मारवाड़ी पट्टी में चोरी की घटना के बाद खोजी कुत्ते की मदद ली गई। लेकिन स्थित तब विकट हो गई जब कुत्ता कोतवाली थाना में ही प्रवेश कर गया। इस पर लोग तरह-तरह की चर्चा करने लगे थे।
--------केस स्टडी-चार-----
- नहीं पकड़ा गया शातिर
दीप प्रभा सिनेमा हॉल में संजय दत्त की फिल्म आतिश लगी थी। सिनेमा देखने के दौरान हॉल के अंदर दो बम विस्फोट हुए। इसमें लगभग आधा दर्जन लोग जख्मी हुए। बम धमाकों के बाद सिनेमा हॉल के सभी गेट को बंद कर दिया गया। अंदर के लोग बाहर नहीं निकल पाए। इस बीच खोजी कुत्ते की मदद ली गई। कुत्ता हॉल में कभी ऊपर तो कभी नीचे चक्कर लगाता रहा लेकिन उक्त शातिर तक नहीं पहुंच सका।
------ कोट------------
अब पहले वाली बात नहीं रही। पहले अपराधी सुनसान रास्ते या घरों में चोरी जैसे अपराध करते थे। अब भीड़-भाड़ वाले इलाकों में भी अपराध होने लगे हैं। उक्त जगह पर सैकड़ों लोगों की आवाजाही होने के चलने के कारण कुत्तों की सूंघने की क्षमता जवाब दे देती है। पहले की तुलना में आज कुत्ते कारगर साबित नहीं हो रहे हैं।
साकिर हुसैन, इंचार्ज, श्वांग दस्ता