सुपरविजन रिपोर्ट में घटनास्थल को धुलवाने का नहीं किया है जिक्र
भागलपुर। दारोगा की मौत मामले में डीआइजी विकास वैभव ने सोमवार को केस की समीक्षा की। आइअ
भागलपुर। दारोगा की मौत मामले में डीआइजी विकास वैभव ने सोमवार को केस की समीक्षा की। आइओ ने मामले की सुपरविजन रिपोर्ट को डीआइजी के सामने रखा। सूत्रों की मानें तो सुपरविजन रिपोर्ट में घटनास्थल को पानी से धुलवाने का जिक्र नहीं किया गया है। जबकि 19 मार्च की रात घटना के बाद दारोगा की बॉडी को पोस्टमार्टम भेज दिया गया। उसके बाद वरीय अधिकारियों के निर्देश पर पूरे घटनास्थल को पानी से धुलवा दिया गया था। इस कारण सुपरविजन रिपोर्ट पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया।
एमवीआइ ने कहा था तेज रफ्तार के कारण हुई दुर्घटना
19 की रात विजयचंद्र शर्मा थाने से निजी स्कार्पियों से जीरो माइल स्थित डेरा के लिए निकले थे लेकिन डेरा नहीं पहुंचे। इस दौरान विजय की पत्नी और एसससपी उन्हें फोन किया था लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया था। अनहोनी की आशका पर एसएसपी ने तिलकामाझी थाने के गश्ती दल प्रभारी एएसआइजी राजेंद्र मंडल को पता लगाने कहा। खोजबीन के दौरान विजय की लाश रनवे पर स्कार्पियो से दबी मिली थी। घटना स्थल पर ही जांच के दौरान एमवीआई गौतम कुमार ने मौत का कारण तेज रफ्तार बताया था। एमवीआई ने रिपोर्ट में कहा गया है कि गाड़ी 110 के स्पीड में रही होगी इस कारण गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। घटनास्थल की एफएसएल जांच भी जानबूझकर नहीं करायी गयी थी।
आनन-फानन में कराया गया था पोस्टमार्टम
एमवीआई की रिपोर्ट को सच मानकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। उसके बाद रनवे से दुर्घटनाग्रस्त स्कार्पियो को हटाकर खून के धब्बे को पानी से धुलवा दिया गया। दूसने दिन शव का पोस्टमार्टम भी आनन-फानन में करा दिया गया था। लेकिन विजय की पत्नी व उनके परिजनों ने घटना के दिन से ही पति के हत्या होने की बात कही थी। उनका कहना था कि साजिश के तहत हत्या करने के बाद इसे दुर्घटना का रूप दिया गया। परिजनों ने इसके पीछे गहरी साजिश की ओर इशारा किया था। एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद परिवार वालों के शका को बल मिला है। 27 मार्च को थानेदार की पत्नी ने डाक द्वारा थाने को आवेदन भेजकर हत्या की रिपोर्ट दर्ज करने की माग की थी। पुलिस इसी आवेदन को आधार मानकर अब मामला दर्ज करेगी।