रंजना के मोबाइल में छिपा हत्याकांड का सच
भागलपुर। विनोद की हत्या मामले में रंजना के मोबाइल की कॉल डिटेल पुलिस निकालेगी। रंजना सीता
भागलपुर। विनोद की हत्या मामले में रंजना के मोबाइल की कॉल डिटेल पुलिस निकालेगी। रंजना सीतामढ़ी डीएवी स्कूल में शिक्षिका है। रंजना ने बताया कि वह बिनोद को पहचानती तक नहीं है। उसने कहा कि बिनोद दिव्यांग कोटे से खिलाड़ी है, इसलिए उन लोगों के मिलने की बात कहां से होती है। रंजना के पिता वकील स्वास्थ विभाग से 2013 में रिटायर हुए हैं। उन्होंने कहा कि रंजना ऐसे किसी लड़के को जानती तक नहीं है। रंजना की तबियत कुछ दिनों से खराब चल रही है। इस कारण वह अभी घर पर ही। रंजना के शादी की बात का सवाल ही नहीं पैदा होता। रंजना ने कहा कि उसका मोबाइल कुछ दिन पहले खो गया है। जिसकी रिपोर्ट उसने दर्ज नहीं करायी थी।
मोबाइल खोने के बाद ही शुरू हुआ विवाद
रंजना ने बताया कि उसका मोबाइल कुछ दिनों पहले सीतामढ़ी में ही खो गया था। इसके बाद ही इस तरह का विवाद शुरू हुआ है। रंजना ने कहा कि मोबाइल खोने की का मामला उसने थाने में दर्ज नहीं कराया था। किंतु कुछ दिन बात उसका सिम उसने बंद करवा दिया था। रंजना ने बताया कि कुछ पुलिस वाले 19 जनवरी को उसके घर पर आए थे। वे लोग बिनोद नाम के लड़के से संबंध की बात उनसे पूछ रहे थे। किंतु वे लोग समझ ही नहीं पाए कि क्यों वे लोग उसका नाम बिनोद के साथ जोड़ रहे हैं।
मोबाइल में छुपे हैं राज
रंजना ने बिनोद के साथ अपने रिश्ते की बात को सिरे से खारिज किया है। जबकि पुलिस सूत्रों के मुताबिक रंजना के साथ शादी के सारे सबूत बिनोद के पास मोबाइल में मौजूद थे। पुलिस सूत्रों की मानें तो बिनोद ने बताया था कि वह रंजना के साथ पटना में भी कई माह तक साथ रहा था। बिनोद ने पुलिस को एक जनवरी को बताया था कि स्पोर्टस के माध्यम से ही दोनों का प्यार परवान चढ़ा था। रंजना ने साथ जीने मरने का वादा किया था। किंतु शादी के बाद जब घर वालों ने शादी से इंकार किया तो रंजना ने भी उसकी विकलांगता को नहीं स्वीकार किया और छोड़ दिया।
गला दबाने के बाद एसिड से जलाया गया था चेहरा
लाश की स्थिति काफी बुरी हालत में थी। लाश को जिस जगह झाड़ियों में छुपाया गया था। वहां लोगों की आवाजाही काफी कम है। इस कारण इतने दिनों तक लाश को किसी ने नहीं देखा। लाश की स्थिति देख लग रही थी कि उसका पहले गला घोंटा गया है। उसके बाद चेहरे को एसिड जैसे किसी तरल पदार्थ से जला दिया गया है। ताकि लाश की पहचान नहीं हो सके। चेहरे को जलाने के पीछे हत्यारों की यह मंशा रही होगी कि बिना पहचान लाश को अज्ञात समझ मामला रफा दफा हो जाएगा।