Move to Jagran APP

आटा चक्की मालिक का अपहरण, सजौर से बरामदगी

भागलपुर । सजौर थाना क्षेत्र के अमखोरिया गांव निवासी रंजीत कुमार पांडेय का इशाकचक थाना क्षे

By Edited By: Published: Sun, 26 Jun 2016 02:35 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2016 02:35 AM (IST)
आटा चक्की मालिक का अपहरण, सजौर से बरामदगी

भागलपुर । सजौर थाना क्षेत्र के अमखोरिया गांव निवासी रंजीत कुमार पांडेय का इशाकचक थाना क्षेत्र के भोलानाथ पुल के पास से अपहरण कर लिए जाने का मामला शनिवार को प्रकाश में आया है। आटा चक्की मालिक रंजीत 21 जून की सुबह अपनी बहन के ससुराल नवगछिया के नगरह गांव जा रहे थे। भोलानाथ पुल के पास जैसे ही पहुंचे थे कि सफेद रंग की स्कारपियो पर सवार चार लोगों ने अपहरण कर लिया। रंजीत को अगवा कर सजौर थाना क्षेत्र के राधानगर इलाके में रखा गया था। घटना की जानकारी पर इशाकचक इंस्पेक्टर ने तकनीकी निगरानी के जरिए अपहृत को राधानगर सजौर में रखे जाने का पता लगा। इशाकचक पुलिस ने सजौर थानाध्यक्ष अमर कुमार मिश्रा की सहायता से दबिश दी। अगवा रंजीत को 22 जून की शाम ही पुलिस ने बरामद कर मौके से चारो आरोपियों को गिरफ्तार लिया गया। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल की गई स्कारपियो को भी जब्त कर लिया है। स्कारपियो काडा इंजीनियर देवेंद्र प्रसाद की बताई गई है।

loksabha election banner

गिरफ्तार आरोपियों में राधानगर सजौर निवासी बंदी यादव और उसके लड़के संतोष यादव, मनीष यादव के अलावा बंदी यादव का रिश्तेदार संजय यादव शामिल है।

----------------------

एक ही परिवार के थे अगवा करने वाले आरोपी

----------------------

सजौर थाना क्षेत्र के राधानगर निवासी बंदी यादव और उसके दो बेटे के अलावा एक रिश्तेदार पर अपहरण का आरोप है। रंजीत सभी को पहले से जानते थे।

-----------------------

15 लाख की फिरौती के लिए हुआ था अपहरण

-----------------------

रंजीत का कहना था कि अपहरण करने वाले आरोपी उससे 15 लाख रुपये की डिमांड बतौर फिरौती कर रखी थी। रंजीत की पत्‍‌नी रीना देवी ने इशाकचक थाने में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि 15 लाख रुपये की फिरौती अपहरण करने वाले आरोपियों ने मांगी थी।

------------------------

आरोपियों में मनीष काडा इंजीनियर का चालक

-----------------------

आरोपी मनीष यादव काडा विभाग के इंजीनियर देवेंद्र चौधरी के स्कारपियो का चालक है। देवेंद्र चौधरी बैंक कालोनी आदमपुर में रहते हैं। उनकी स्कारपियो को मनीष ने गांव में कुटुंब के आ जाने का बहाना कर गाड़ी गांव लेकर पहुंचा था।

----------------------

चर्चा जो इलाके में है

------------------

इलाके में चर्चा है कि घटना के पीछे रेलवे में बहाली के नाम पर लाखों की ठगी का हुआ खेल है। स्थानीय लोगों की चर्चा में भले दम हो या ना हो लेकिन यह चर्चा है कि दिल्ली मे रहने वाले रंजीत के भाई अजय जो वायु सेना में है। उसके जरिए रेलवे में बहाली कराई गई थी। बहाली में आरोपियों के नाम नियुक्ति पत्र मिला था। नियुक्ति पत्र बाद माला में उन्हें नौकरी दिलाई गई। एक माह नौकरी करने के बाद तनख्वाह भी मिली लेकिन जल्द ही यह पता चल गया कि मामले में गोलमाल हुआ है। बहाली फर्जी है। तब नौकरी पाने की आस में लाखों लगाने वालों में बंदी यादव का परिवार भी शामिल था। उसी राशि की वसूली को लेकर दवाब बनाने के लिए अपहरण किये जाने का दावा किया गया है। वैसे रंजीत पांडेय और उनका परिवार ऐसे आरोप को बेबुनियाद बताया है। इसे बचाव की कहानी बता रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.