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मंत्री जी, मिल रहा घटिया खिचड़ी, सुन नहीं रहे अफसर

भागलपुर। बाढ़ पीड़ितों के जख्म पर मरहम लगाने के लिए 10 दिनों बाद सरकार की नींद आखिर खुल

By Edited By: Published: Sat, 27 Aug 2016 02:50 AM (IST)Updated: Sat, 27 Aug 2016 02:50 AM (IST)
मंत्री जी, मिल रहा घटिया खिचड़ी, सुन नहीं रहे अफसर

भागलपुर। बाढ़ पीड़ितों के जख्म पर मरहम लगाने के लिए 10 दिनों बाद सरकार की नींद आखिर खुल ही गई। शुक्रवार को जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने बाढ़ राहत शिविर का औचक निरीक्षण किया। बदहाल व्यवस्था झेल रहे बाढ पीड़ितों की पीड़ा मंत्री से समक्ष छलक पड़ी। पीड़ितों ने प्रशासन की कुव्यवस्था से मंत्री को अवगत कराते हुए कहा कि शिविर में घटिया खिचड़ी पीड़ितों के थाली में पड़ोस रहे हैं। जो मवेशी के खाने योग्य नहीं है। मवेशी भूख से बिलबिला रहे हैं। इन्हें चारा नहीं मिल रहे हैं। मंत्री ललन सिंह ने डीसीएलआर सुबीर रंजन को शनिवार से राहत शिविर में दाल, भात व सब्जी का वितरण करने का निर्देश दिया। सभी को थाली में भोजन परोसा जाएगा। दो समय गुड़ व चना भी बांटा जाएगा। मंत्री ने पीड़ितों को आश्वस्त किया कि महिलाओं के लिए साड़ी आदि वस्त्र का भी वितरण किया जाएगा। पुराने बीएन कॉलेज में बाढ़ पीड़ितों ने कहा कि निबंधित नाव का लाभ नहीं मिल पाता है। लोगों को विवश होकर छोटे नाव पर सफर करना पड़ रहा है। इसके पूर्व मंत्री ने टीएनबी कॉलेजिएट राहत शिविर का निरीक्षण किया।

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सरकार के पास है पर्याप्त राशि, नहीं चाहिए संगठनों का सहयोग :

भागलपुर : बाढ़ पीड़ितों को भंडारा के माध्यम से शुद्ध भोजन करने की मंशा से बिहार प्रदेश मारवाड़ी सम्मेलन ने सकारात्मक कदम उठाया था। टीएनबी कॉलेजिएट में भोजन की सुविधा से बाढ़ पीड़ितों में खुशी की लहर दौड़ गई। लेकिन इनकी खुशी चंद घंटों की रही है। दोपहर में खिचड़ी खाकर लोग संतुष्ट भी थे। शाम के भोजन के लिए सब्जी बनकर तैयार हो गई और सिर्फ पुड़ी बनाने की तैयारी थी। इसी बीच डीसीएलआर और सीओ ने डीएम का हवाला देते हुए सम्मेलन के अध्यक्ष श्रवण बाजोरिया को भोजन की व्यवस्था बंद करने का निर्देश दिया है। श्रवण बाजोरिया ने बताया कि इसी बीच मंत्री राजीव रंजन का काफिला टीएनबी कॉलेजिएट शिविर में प्रवेश किया। मंत्री ने डीसीएलआर को संगठन के शिविर को बंद करने का निर्देश दिया। संगठन के सदस्यों को स्पष्ट शब्दों में कहा गया कि सरकार के पास राशि की कोई कमी नहीं है। जब सरकार पीड़ितों की सहायता करने में असमर्थ हो जाएगा तो स्वयंसेवी संस्था का सहयोग लिया जाएगा। इस बीच बाढ़ पीड़ितों ने मंत्री के समक्ष सम्मेलन की व्यवस्था का गुणगान किया। मंत्री के निर्देश के बाद सम्मेलन के सदस्य नाराजगी व्यक्त करते हुए सारे समान उठाकर चल दिए। जबकि निरंतर भंडारा की व्यवस्था के लिए पांच रसोईया लगाया गया था। महापौर को पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया। शिविर में लोगों को बैठाकर भोजन कराने की व्यवस्था थी। दाल, भात, सब्जी के साथ पुड़ी और सब्जी देने का मीनू तैयार किया गया।


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