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बाइपास बना नहीं पर विभाग ने टॉल टैक्स वसूली की कर ली तैयारी

विभाग ने हाल में सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को पत्र लिखकर टॉल टैक्स वसूली की अनुमति मांगी है। स्थाई बाइपास नवंबर 2017 में पूरा होना था। भागलपुर अलीगंज के पास फ्लाईओवर बन चुका है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 10:55 AM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 03:54 PM (IST)
बाइपास बना नहीं पर विभाग ने टॉल टैक्स वसूली की कर ली तैयारी
बाइपास बना नहीं पर विभाग ने टॉल टैक्स वसूली की कर ली तैयारी

भागलपुर [आलोक कुमार मिश्रा]। भू-अर्जन के पेंच में स्थाई बाइपास निर्माण पूरा होने में कम से कम दस माह और लगेगा। जनवरी-फरवरी 2020 से पहले निर्माण पूरा होने की उम्मीद कम है। इसके बावजूद विभाग टॉल टैक्स वसूली की तैयारी भी कर लिया है।

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विभाग ने हाल में सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को पत्र लिखकर टॉल टैक्स वसूली की अनुमति मांगी है। स्थाई बाइपास नवंबर 2017 में पूरा होना था। भागलपुर-हसडीहा मार्ग में अलीगंज के पास 11 माह पूर्व फ्लाईओवर बन चुका है। लेकिन 155 मीटर भू-अर्जन के अभाव में इसके पहुंच पथ का निर्माण बाधित है। जनवरी में पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने भूमि अधिग्रहण की समस्या का समाधान कर दिया था। लेकिन 5.42 करोड़ मुआवजा राशि भुगतान नहीं होने पर भू-स्वामी ने काम बंद करवा दिया।

इधर, दो माह पूर्व मंत्रालय को मुआवजा राशि भुगतान के संबंध में विभाग ने प्रस्ताव भेजा था। लेकिन अबतक राशि स्वीकृत नहीं की गई है। भू-अर्जन के पेंच में बार-बार मामला फंसने की स्थिति में निर्माण एजेंसी जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट बोरिया-बिस्तर समेटने के मूड है। अधिकांश कर्मचारियों को यहां से पांच पूर्व ही बुला लिया गया। निर्माण संबंधी कई उपकरण भी ले जाया जा चुका है। अधूरा काम छोड़कर चले जाने पर फ्लाईओवर के पहुंच पथ निर्माण के लिए री-टेंडर करना पड़ेगा।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के महानिदेशक ने भू-अर्जन संबंधी मुआवजा राशि की स्वीकृति के लिए हाल ही में सचिव को लिखा है।

राजकुमार, कार्यपालक अभियंता, एनएच, भागलपुर प्रमंडल ने कहा कि मंत्रालय से जल्द मुआवजा राशि मिलने की उम्मीद है। भू-अर्जन के बाद फ्लाईओवर के पहुंच पथ निर्माण शुरू होगा। मंत्रालय की स्वीकृति मिलने के बाद वाहनों से टॉल टैक्स वसूल किया जाएगा।

राघवेंद्र कुमार, परियोजना प्रबंधक, जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट ने कहा कि भू-अर्जन के अभाव में निर्माण बाधित हो रहा है। विलंब होने से कंपनी पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।


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