नौ राष्ट्रीयकृत बैंकों से पैसे वापस लेगा प्रशासन
भागलपुर। जिला प्रशासन जिले के नौ राष्ट्रीयकृत बैंकों से सरकारी राशि वापस लेगा। सरकार के आ
भागलपुर। जिला प्रशासन जिले के नौ राष्ट्रीयकृत बैंकों से सरकारी राशि वापस लेगा। सरकार के आदेश के बाद प्रशासन ने संबंधित बैंकों के साथ पत्राचार करेगा।
बिहार सरकार के वित्त विभाग के प्रधान सचिव रवि मित्तल ने बीते दिनों 16 राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ सरकारी लेन देन पर रोक लगा दी थी और सभी इन बैंकों से सरकार के विभिन्न योजनाओं की राशि वापस लेने का आदेश जारी किया था। इन बैंकों ने सरकार के न्यूनतम निर्धारित मापदंड को पूरा नहीं किया था। कृषि ऋण, एसीपी रेट सहित जनहित से जुड़े सरकार की प्राथमिक लक्ष्य को प्राप्त नहीं करने वाले बैंक सरकार के प्रतिबंध के दायरे में आए। प्रतिबंधित बैंकों में से नौ की शाखाएं भागलपुर जिले में काम कर रही हैं। प्रधान सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर सरकारी योजनाओं के पैसे वापस लेकर उन बैंकों में जमा करने को कहा है जो सरकारी लक्ष्य को पाने के प्रति गंभीर हैं।
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जिले में इन बैंकों पर लगेगा प्रतिबंध
जिले में 29 बैंकों की शाखाएं काम कर रही हैं। यहां प्रतिबंधित किए जाने वाले बैंकों में आंध्रा बैंक, विजया बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, इनसइंड बैंक, सेंटल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक शामिल हैं। शेष प्रतिबंधित बैंकों मसलन बैंक ऑफ कर्नाटक आदि की शाखा भागलपुर जिले में नहीं हैं।
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मार्किंग के आधार पर होता है कारोबार
लीड बैंक के मैनेजर एएम दास ने बताया कि सरकार का फंड किसी भी बैंक के संचालन में बहुत महत्वपूर्ण होता है। कृषि, रोजगार, शिक्षा आदि से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं और ऋण देने में जो बैंक पिछड़ते हैं उनके साथ सरकार अपने लेनदेन रोक देती है। सरकार हर वर्ष बैंकों की मार्किंग करती है। जिन बैंकों को कम से कम 35 अंक मिलते हैं सरकार उनकी शाखाओं में योजनाओं का राशि जमा रखती है। अभी प्रतिबंधित किए गए बैंक तय अंक नहीं पा सके। यह हर वर्ष की जाने वाली प्रक्रिया है। अगर बैंक अपने कामकाज में सुधार लाएंगे तो उनकी मार्किंग ठीक हो जाएगी और फिर उनके साथ लेनदेन शुरू हो जाएगा। फिलहाल जिले के जिन नौ बैंकों की शाखाओं से राशि वापस लेने का काम शुरू नहीं हो पाया है।