अगर फल और सब्जियों का धो कर नहीं कर रहे इस्तेमाल तो संभलें...
फल और सब्जियों को पानी में दो से तीन बार धोएं। बर्तन धोने वाले डिटर्जेंट की कुछ बूंद एक लीटर पानी में मिलाएं और उसमें फल व सब्जी धोने के बाद उन्हें हल्के गुनगुने पानी में धोएं।
भागलपुर (जेएनएन)। आप कोई भी सब्जी या फल जब बाजार से खरीदकर लाते हैं, तो क्या इसे पकाकर या धोकर खाते हैं। अगर नहीं तो आप अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, क्योंकि आज कल कई तरह के जहरीले कीड़ों से बचाने के लिए फलों और सब्जियों में भारी तादाद में पेस्टिसाइड्स का छिड़काव किया जाता है। अगर आप खाने से पहले सेब नहीं धोते हैं, तो उसके साथ कई पेस्टिसाइड्स भी आपके पेट में पहुंच जा रहे हैं। जी हां, सेब की फसल पर कई तरह के पेस्टिसाइड्स का छिड़काव किया जाता है। फलों को बचाने के लिए फसल से पहले और फसल तैयार होने के बाद ढेर सारे कीटनाशकों और केमिकल का प्रयोग किया जाता है। इसलिए खाने से पहले उन्हें अच्छी तरह साफ करें।
हमेशा रखें फ्रेश फल-सब्जी : फल और सब्जियों को पानी में दो से तीन बार धोएं। बर्तन धोने वाले डिटर्जेंट की कुछ बूंद एक लीटर पानी में मिलाएं और उसमें फल व सब्जी धोने के बाद उन्हें हल्के गुनगुने पानी में धोएं। इससे उन पर लगा वैक्स और कलर हट जाएगा।
छिलके उतार कर ही खाएं : फल और सब्जियों को छीलकर ही खाएं। अगर ऐसा नहीं कर रहे हैं, तो खाने से पहले उन्हें ब्रश से रगड़कर पानी में अच्छे से धो लें। बंदगोभी और ऐसी ही दूसरी पत्तेदार सब्जियों के ऊपरी हिस्से के पत्ते जरूर उतार दें।
रातभर न भिगोएं सब्जी : कुछ लोग सब्जियों में कीटनाशकों का असर कम करने के लिए उन्हें रात भर पानी में भिगोकर रख देते हैं। इससे भले ही पेस्टिसाइड्स का असर कम होता हो, लेकिन साथ सब्जी के न्यूटिएंट्स भी कम हो जाते हैं। इससे सब्जी का पूरा फायदा शरीर को नहीं मिल पाता।
नेचुरल दिखने वाली चीजों को ही खरीदें : बाजार से फल और सब्जी खरीदते वक्त उसकी सुंदरता पर नहीं जाएं, बल्कि नेचुरल दिखने वाली चीजों को ही खरीदें। मसलन अगर गोभी का फूल एकदम सफेद और चमकदार न होकर थोड़ा पीला है तो उसे ही लें। इसी तरह भिंडी डार्क हरी नहीं हैं तो उसे खरीदें। हमेशा सावधानी बरतें।
सीजनल फूड खाएं : सीजनल चीजें खाने से भी नुकसान कम होता है, क्योंकि उनमें पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल न के बराबर होता है।
वरीय चिकित्सक डॉ. आलोक कुमार सिंह ने कहा कि फलों और सब्जियों में भारी मात्रा में कीटनाशकों के अवशेष होते हैं, जो आपके नर्वस सिस्टम या तंत्रिका तंत्र के लिए हानिकारक हो सकते हैं। सावधानी बरतने की जरूरत है।