पुलिस के लिए फांस बनता जा रहा दारोगा हत्याकांड
भागलपुर । तिलकामांझी थाने में पदस्थापित दारोगा विजयचंद्र शर्मा की मौत का मामला पुलिस के फांस बनता जा
भागलपुर । तिलकामांझी थाने में पदस्थापित दारोगा विजयचंद्र शर्मा की मौत का मामला पुलिस के फांस बनता जा रहा है। मामले में पुलिस की लापरवाही से नाराज परिजन ने एक बार फिर सीबीआइ जांच की मांग की है। उनका कहना है कि दारोगा की हत्या की गई है लेकिन पुलिस इस बात को मानने को तैयार नहीं है। उधर, फॉरेंसिक जांच के बाद भी पुलिस इस मामले में अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है।
दारोगा विजयचंद शर्मा की पत्नी प्रियंका शर्मा ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाते कहा कि आखिर घटना के 84 घंटे बाद पुलिस को फॉरेंसिक जांच की याद क्यों आई। घटना के दिन से हमलोग कह रहे हैं कि यह हादसा नहीं बल्कि हत्या है लेकिन पुलिस हमारी बात को नहीं मान रही है। उन्होंने कहा कि दारोगा के कई दुश्मन थे।
गोराडीह प्रभारी रहते अपराधी ने दी थी मारने की धमकी
तिलकामांझी थाने से पहले वह गोराडीह थाने में तैनात थे वहां उनके साथ एक अपराधी ने मारपीट की थी। अपराधी ने धमकी देते हुए कहा था कि उन्हें इसकी कीमत जान देकर चुकानी होगी। इसके बाद विजय का तबादला तिलकामांझी थाने हो गया था। यहां आकर उन्होंने क्षेत्र में अपराध पर लगाम लगाई थी।
तिलकामांझी क्षेत्र में अपराधियों ने चलाई थी गोली
तिलकामांझी थाना का प्रभार मिलने के बाद उन्होंने कई कुख्यात अपराधियों को जेल की हवा खिलाई थी। जिसके कारण अपराधियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। वहीं एक अपराधी ने तो उन पर गोली भी चलाई थी। जिसकी जानकारी उन्होंने आलाधिकारियों को भी दी थी। हालांकि गोली चलने के बावजूद वे साहस और दृढ़ता के साथ अपराधियों पर अंकुश लगाते रहे। उनके खिलाफ कई अपराधियों ने मोर्चा खोल रखा था। कुछ ने सूबे के मुखिया से लेकर जिले के आलाधिकारी को भी आवेदन दिया था। लेकिन विजय के अच्छे काम को देखते हुए इस तरह की शिकायत पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। जिससे दुश्मनों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने लगी।
साजिश के तहत कर दी गई हत्या
प्रियंका ने कहा कि घटना सोची समझी साजिश का नतीजा है। सीबीआई ही इसका खुलासा कर सकती है। मामले की यदि सीबीआई जांच होती है तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। दूसरी ओर तेज रफ्तार के शौकीन दारोगा विजय चंद शर्मा की मौत का रहस्य रफ्तार में ही छिपे होने की आशंका जताई जा रही है।
कहीं रफ्तार का तो अपराधियों ने नहीं उठाया फायदा
उन्हें जानने वालों का कहना है कि गाड़ी पर बैठते ही दरोगा की रफ्तार 80 से ज्यादा हो जाया करता था। उन्हें अगर कोई संदिग्ध दिख जाता था तो वह बिना कुछ सोचे पीछा करने लगते थे। पुलिस सूत्रों की मानें तो यही रफ्तार इनकी मौत का कारण बनी। हवाई अड्डे पर दारोगा प्रतिदिन अपनी गाड़ी से जाया करते थे। वहां पहुंचते ही उनकी गाड़ी कांटा सौ किलोमीटर छूने लगता था। ऐसे में आशंका है कि तेज रफ्तार गाड़ी के सामने कोई अचानक आ गया होगा और दारोगा पर हमले करने का प्रयास किया होगा। जिसके बाद यह हादसा हो गया। ऐसा इसलिए भी कि साजिश करने वाले जानते थे कि दारोगा तेज रफ्तार गाड़ी चलाता है इसलिए उसकी हत्या आसानी से की जा सकती है। चूंकि यह मामला हादसे का प्रतीत होगा इसलिए किसी को कोई शक भी नहीं होगा।
गाड़ी के सामने आदमी आया था या जानवर
पुलिस अब यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि दरोगा के गाड़ी के सामने आदमी आया था यह जानवर। दूसरी ओर एमवीआइ सूत्रों की मानें तो घटना के वक्त दारोगा की गाड़ी सौ किलोमीटर से ज्यादा रफ्तार में होगी। स्पीड में चल रहे दारोगा को किसी ने रोका होगा। चालक हमेशा यह सोचता है कि गाड़ी के सामने आए व्यक्ति या जानवर को पहले बचाए। हो सकता है कि सामने आने वाला जानवर या आदमी गाड़ी के सामने से हट गया होगा यह देख हो सकता है दारोगा ने तेज रफ्तार में गाड़ी उसी दिशा की ओर कर दिया हो। जिससे गाड़ी असंतुलित गई होगी।
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कोट
विजयचंद्र शर्मा के परिजन के साथ पूरा पुलिस महकमा खड़ा है। दारोगा के परिवार की यदि कोई शिकायत है तो वे आकर मिलें। पीड़ित परिवार की हर तरह से मदद की जाएगी।
सुशील मान सिंह खोपड़े, जोनल आइजी