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चार दिनों से था आमरण अनशन, प्रशासन ने नहीं ली सुधि

भागलपुर। समाहरणालय परिसर स्थित एडीएम कार्यालय के सामने जन संसद का धरना सह आमरण अनशन पिछले चार दिनों

By Edited By: Published: Fri, 09 Dec 2016 03:40 AM (IST)Updated: Fri, 09 Dec 2016 03:40 AM (IST)
चार दिनों से था आमरण अनशन, प्रशासन ने नहीं ली सुधि

भागलपुर। समाहरणालय परिसर स्थित एडीएम कार्यालय के सामने जन संसद का धरना सह आमरण अनशन पिछले चार दिनों (पांच दिसंबर) से चल रहा था लेकिन प्रशासन ने सुधि नहीं ली। अगर समय रहते प्रशासन ने सुधि ली होती तो समाहरणालय परिसर की स्थिति नहीं बिगड़ती। अपर समाहर्ता हरिशंकर प्रसाद कहते हैं कि उन्होंने जन संसद के लोगों से उनकी मांगों के संबंध में मुलाकात की थी। उनसे उनकी मांगों के संबंध में पूछा था। एडीएम कहते हैं कि ये लोग सुल्तानगंज शहरी क्षेत्र में बसे हुए हैं। वहां जमीन का पर्चा देने की मांग कर रहे थे। डीएम ने कहा कि अपर समाहर्ता ने उनसे सूची की मांग की थी। जन संसद ने सूची अब तक उपलब्ध नहीं कराई थी।

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इसके पूर्व जन संसद अपनी मांगों को लेकर कई बार धरना व प्रदर्शन कर ज्ञापन दे चुके हैं। उनके ज्ञापन पर प्रशासन ने संज्ञान लिया होता तो संस्थापक अजीत कुमार सिंह को आमरण अनशन नहीं करना पड़ता। आमरण अनशन के लिए संगठन की ओर से रामानंद पासवान ने अनुमति ली थी। अनशन या धरना होने की जानकारी प्रशासन को थी। इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने भूमिहीनों के प्रति उदासीनता दिखाई।

एसडीओ कुमार अनुज ने कहा कि प्रशासन उनकी मांगों पर काम कर रहा था। इसके बावजूद आंदोलनकारी बहकावे में आकर अफसरों व कर्मियों के साथ बदतमीजी की। एसडीओ ने कहा कि अफसरों पर पथराव करने से उनकी मांगें पूरी नहीं होगी। घटना में दोनों पक्ष के लोग चोटिल हुए हैं।

'' स्थिति को बिगाड़ने में बाहरी आदमी कौन थे, इसकी पहचान की जा रही है। प्रशासन बिगड़े हालत के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करेगा। ''

आदेश तितरमारे, डीएम।


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