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अंत:वस्त्र की दो जेब में नोट की 13 गड्डी ले गया था सुरेश

भागलपुर। खाद्य तेल व्यवसायी सुनील जैन के स्टाफ दिलीप मांझी और सुरेश प्रसाद सिटी ब्रांच खलीफाबाग रुपय

By Edited By: Published: Sun, 19 Jun 2016 02:50 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jun 2016 09:51 PM (IST)
अंत:वस्त्र की दो जेब में नोट की 13 गड्डी ले गया था सुरेश

भागलपुर। खाद्य तेल व्यवसायी सुनील जैन के स्टाफ दिलीप मांझी और सुरेश प्रसाद सिटी ब्रांच खलीफाबाग रुपये जमा कराने निकले थे। सुरेश ने दो जेब वाली जांघिया पहन रखी थी। उसी दो जेबों में नोटों की 13 गड्डी भर रखा था। यहां नोटों की 13 गड्डी जांघिये के दो जेबों में समा जाने की बात कुछ हजम नहीं हो रही। एसएसपी मनोज कुमार ने सुरेश की उस जांघिया की जेब में हाथ डाल कर उसके आकार को देख हैरत भी व्यक्त किया। कोतवाली इंस्पेक्टर उमाशंकर सिंह ने जांघिया को जब्त कर लिया है। कोतवाली इंस्पेक्टर तेल व्यवसायी सुनील जैन से पूछताछ के दौरान यह पता किया है कि दुकान से बैंक भेजी जाने वाली रकम बीमा कराया होता है। लूट ली गई रकम का भी बीमा था। बीमा सौ प्रतिशत वाला था। कोतवाली इंस्पेक्टर ने प्रारंभिक जांच में यह बात कही है कि रकम लेकर बैंक में जमा करने निकले दोनों स्टाफ दिलीप मांझी और सुरेश प्रसाद में दिलीप की भूमिका संदेह के घेरे में है। क्योंकि स्टाफ की बाइक को ओवरटेक करने वाले दो बदमाशों ने जब बाइक ओवरटेक कर लिया। बाइक भी गिर गई तो ऐसे में बाइक चलाने वाले स्टाफ दिलीप मांझी पिस्तौल धारी बदमाशों से बचकर भागने में कैसे सफल हो गया? पुलिस अनुसंधान के क्रम में सवाल उठा रही है कि बदमाशों ने सुरेश की जांघिया वाली जेब में रखे रुपये निकालने में उसके सिर पर पिस्टल के वट से प्रहार कर मामूली जख्मी करने की जरूरत जब समझी तो दिलीप वहां से भागने में सफल कैसे हो गया?

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तीन गश्ती गाड़ियां घूम रही थी

कोतवाली इंस्पेक्टर का कहना है कि दिन में तीन गश्ती गाड़ियां इलाके में निकाली गई थी। उसके बावजूद घटना की सूचना उन्हें नहीं देने। खुद उन्हें फोन कर सूचना देने के बजाय घटना के काफी देर बाद थाने पहुंच कर घटना की जानकारी देना कुछ संशय पैदा करता है। वैसे पुलिस अब लूट की वारदात के बाद चाहे जो एलीबाय ले लेकिन व्यस्त शहरी इलाके में जिस कदर बाइक सवार लुटेरों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया वह पुलिस के लिए सीधी चुनौती है।

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थाने के चक्कर लगाने वाले दागी भी कराते हैं लूट

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थानों में तैनात उंगली पर गिने जाने वाले भ्रष्ट पुलिस पदाधिकारी कुछ आपराधिक अतीत वाले दागी को अपनी निजी हित के लिए मुखबिर बना रखे हैं। ऐसे आपराधिक अतीत वाले दागी मुखबिरी के नाम पर उन पुलिस पदाधिकारियों के काम कम आते हैं बल्कि इलाके की नब्ज और व्यापारिक गतिविधियों को नजदीक से जान कर स्वयं अपराध में भी लिप्त हैं। ऐसे आपराधिक अतीत वाले दागी की सक्रियता मोजाहिदपुर, हबीबपुर, तातारपुर, बबरगंज, बरारी थाना क्षेत्र में अधिक है। कुछ थानों में तो ऐसे दागी पुलिस पदाधिकारी के साथ-साथ बैठे रहते हैं। उनका काम विवादित जमीन को सलटाने, कब्जा दिलाने और थाना क्षेत्र के जरायम धंधे से वसूली कर भ्रष्ट अफसर को उसका हिस्सा पहुंचाने का है। इसकी आड़ में ऐसे दागी खुद भी वारदात को यदा कदा अंजाम देते हैं। कई बार भ्रष्ट पुलिस पदाधिकारी अपने फायदे के लिए ऐसे दागी से दूसरे थाना क्षेत्र में अपराध करा अपना हित भी साधते हैं।


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