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स्वच्छ होगी गंगा, बनेगा संशोधित डीपीआर

भागलपुर। गंगा को प्रदूषित करने वाले नगर निकायों का जायजा लेने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

By Edited By: Published: Fri, 20 May 2016 02:33 AM (IST)Updated: Fri, 20 May 2016 02:33 AM (IST)
स्वच्छ होगी गंगा, बनेगा संशोधित डीपीआर

भागलपुर। गंगा को प्रदूषित करने वाले नगर निकायों का जायजा लेने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम गुरुवार को भागलपुर पहुंची। नमामि गंगे परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए रोमा दास के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम ने गंगा घाटों का स्थल निरीक्षण किया।

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गंगा में प्रदूषणमुक्त पानी गिरे इसके लिए ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करना होगा। इसके लिए सर्वे टीम डीपीआर भी तैयार करेगी।

भागलपुर में गंगा की बदहाली देख सर्वे टीम दंग रह गई। नालों का पानी सीधे गंगा में प्रवाहित किए जाने व तटों पर कूड़े का अंबार देख

उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। इस दौरान नगर आयुक्त अवनीश कुमार सिंह ने सर्वे टीम को दर्जन भर घाटों का भ्रमण कराया। उन्हें बदहाल ड्रेनेज सिस्टम व

सीवरेज आदि की वास्तविक जानकारी दी। इसके बाद सर्वे टीम ने गंगा में गिरने वाले नालों के पानी के प्रवाह का आकलन किया। कहा कि नाले का पानी सीधे गंगा में न गिरे, इसके लिए कैसा डीपीआर तैयार किया जाए यह सोचना होगा।

नगर आयुक्त ने कहा कि टहल कंपनी ने शहर के ड्रेनेज व सीवरेज सिस्टम का डीपीआर तैयार किया था। पर उसमें संशोधन की जरूरत है।

भागलपुर के बाद प्रदूषण बोर्ड की सर्वे टीम अब झारखंड के साहिबगंज जिले में गंगा के बदहाली का सर्वे करेगी।

इन घाटों का टीम ने किया सर्वे

बरारी पुल घाट, सीढ़ी घाट बरारी, लंच घाट, पीपली धाम घाट, हनुमान घाट, मुसहरी घाट, खीरनी घाट, एसएम कॉलेज घाट, आदमपुर घाट, मानिक सरकार घाट, दीपनगर घाट, दिगम्बर सरकार घाट, बूढ़ानाथ घाट व सखीचंद घाट आदि।

बता दें कि नमामी गंगे परियोजना के लिए देश 118 शहरों का चयन किया गया है। जिसमें बिहार के 26 शहर हैं।

चेयरमैन ने दिया था निर्देश

28 अप्रैल को दिल्ली में सीवरेज व सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट को लेकर हुए सेमिनार में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन एके मेहता ने नगर निकायों को हर हाल में 15 दिनों के अंदर गंगा में प्रदूषण को रोकने का निर्देश दिया था। सीवरेज और कूड़ा निस्तारण के लिए नगर निगम को एक माह के भीतर डीपीआर भेजने का निर्देश दिया था। बोर्ड चेयरमैन ने नमामि गंगे परियोजना से जुड़े अधिकारी को डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा था कि राशि की कोई कमी नहीं है। नाला व सीवरेज ट्रीटमेंट की योजना तैयार करें।

तहल ने तैयार किया है प्रोजेक्ट

चंपा नदी व गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों को विकसित करने के लिए तहल ने डीपीआर तैयार किया है। नमामि गंगे परियोजना को लेकर डीपीआर में संशोधन किया जाएगा। तहल ने 171 करोड़ की लागत से बनने वाले रिवर फ्रंट और शहर के ड्रेनेज को दुरुस्त करने के 435 करोड़ रुपये की योजना तैयार की है। महापौर दीपक भुवानियां ने बताया कि तैयार डीपीआर को नए कंपनी से संशोधन कराया जाएगा। इसके बाद विभाग द्वारा नमामी गंगे परियोजना को प्रस्ताव भेजा जाएगा।


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