तालाब के संरक्षण को जगेंगे और जगाएंगे हम
भागलपुर [शंकर दयाल मिश्रा] उम्मीद करते हैं कि 'हम' जगेंगे। हम अपने ऐतिहासिक भैरवा तालाब को इस लायक
भागलपुर [शंकर दयाल मिश्रा]
उम्मीद करते हैं कि 'हम' जगेंगे। हम अपने ऐतिहासिक भैरवा तालाब को इस लायक बना पाने में सफल होंगे कि वर्तमान इससे रूबरू होकर गर्व करे। यह तालाब भागलपुर का गौरव हो, इसके लिए सभी मिल जुलकर काम शुरू करेंगे।
'दैनिक जागरण' की ओर से तालाबों को बचाने, इसे जनोपयोगी और सुंदर बनाने के लिए चलाए जा रहे अभियान अब जनांदोलन का रूप लेने लगा है। इस क्रम में बुधवार को भैरवा तालाब के तट पर ही इसके भविष्य की समृद्धि को लेकर दृढ़ता दिखाई नगर निगम के जनप्रतिनिधियों, समाजसेवी, छात्र नेताओं, खिलाड़ियों व स्थानीय बुद्धिजीवियों ने। सभी ने कहा कि भैरवा इस इलाके का गौरव रहा है। जागृत बटुक भैरव की उत्पत्ति स्थल है यह। इस पोखर की मछली भैरव बाबा को भोग लगाई जाती थी। यहां से लोगों की धार्मिक आस्था भी जुड़ी हुई है। तालाब कभी नहीं सूखा। यह तालाब साहेबगंज के पचास हजार के करीब की आबादी के लिए भूगर्मीय जल का स्तर बनाए हुए है। ऐसे में दो-चार फीसद 'नासमझों' को छोड़ दें तो इलाके के सभी लोग चाहते हैं कि भैरवा तालाब अंग प्रदेश का गौरव बने। इसके गाद की सफाई हो। इस सौंदर्यीकरण हो। सुनियोजित विकास किया जाए तो यह भागलपुर जिले का नामचीन पर्यटन केंद्र बन सकता है।
वाकई दैनिक जागरण के अभियान ने इलाके के लोगों की चाहत को पंख लगा दिया है। सुंदरीकरण की उम्मीद बांधे लोग अब मुखर होने लगे हैं। गाय-भैंस के गोबर की गंदगी से पटे इस तालाब के सीढ़ी घाट का हाल यहां शाम-सुबह बैठने वाले इलाके के बुद्धिजीवियों के लिए पीड़ादायक है। बैठक में समाजसेवी सह पार्षद प्रतिनिधि देवाशीष बनर्जी कहते हैं कि इस तालाब को गंदा करने वाले लोग यहां के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को शायद नहीं समझ पा रहे हैं और जो समझदार व सक्षम हैं वे पहल नहीं कर रहे। आज स्थिति यह है कि बाहर से कोई आता है तो हम उसे शहर में कहीं दो-चार घंटे घुमाने के लिए ले जा नहीं सकते, क्योंकि ऐसी कोई जगह ही शहर में नहीं है। इस तालाब के किनारे छोटा पार्क बना दें, वाटर रिसोर्ट आदि विकसित कर दें, लाइटिंग आदि कर दें तो भागलपुर आने वाले यहां आकर आह्लादित होंगे। उदाहरण के तौर पर चंडीगढ़ का डिमना लेक है। यहां सिर्फ बोटिंग के लिए लोग पहुंचते हैं। युवा राजद के प्रदेश महासचिव आनंद आजाद ने कहा कि तालाब अपने आसपास के इलाके के भूगर्भीय जल को रिचार्ज करते रहता है। भागलपुर शहर में अब कच्ची जमीन बहुत कम बची है। ऐसे में भैरवा तालाब और शहर के अन्य तालाब की बचाना हम सब की जवाबदेही बन चुकी है। इसकी सफाई और यहां का सुंदरीकरण अब छात्रों, युवाओं सहित समाज के सभी वर्ग के लोगों को आगे आना ही होगा। वार्ड पार्षद कुंदन यादव, पार्षद प्रतिनिधि पोपल ने भी तालाब के वर्तमान हाल पर चिंता जताई और इसके लिए आवाज बुलंद करने की बात कही। छात्र नेता अजीत कुमार सोनू ने अपनी टीम के साथ तालाब के पुनरुद्र्धार संबंधी कार्ययोजना बताई। इस मौके पर छात्र राजद के पूर्व अध्यक्ष दिलीप राय, संजीत देव, अरुण पासवान, साहिद हुसैन, रुपेश कुमार, भरत पंडित, नौकायान खेल से जुड़े खिलाड़ी रुहुल्ला अंसारी, सुधीर कुमार, प्रशांत चौधरी, अजीत कुमार, पल्लवी आदि ने इस तालाबों के लिए आगे बढ़कर काम करने की बात कही। सभी ने कहा कि वे अपने स्तर से भी आम लोगों को जागरूक करेंगे कि इस अभियान में आगे बढ़कर हिस्सा लें और अपने तालाबों को बचाएं व इलाकाई समृद्धि का जरिया बनाएं।
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उम्मीद जो सच हो सकते हैं
तालाब के चारों ओर हरित पट्टी विकसित करते हुए वाकिंग ट्रैक बना दिया जाए तो यह अद्भुत काम होगा। तालाब के किनारे प्राकृतिक हवाओं के साथ घूमना स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होगा।
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नौकायान खिलाड़ियों का दर्द
कैकाईग (नौकायान) को विश्वविद्यालय के खेल में शामिल कर लिया गया है। इसकी प्रतियोगिता की तैयारी इसी तालाब में होती है। बैठक में शामिल हुए खिलाड़ियों ने बताया कि पर भैंसों का बसेरा होने, गोबर और मल-मूत्र इधर-उधर बिखरे होने से तैयारी पर असर पड़ रहा है। तालाब के अंदर भी काफी टूटे-फूटे बोतल हैं। कई खिलाड़ियों के पैर इससे कट चुके हैं। भैंस का जोंक खिलाड़ी के शरीर में लग जाता है, जिसे हटाना काफी कष्टकारी होता है। खिलाड़ियों ने कहा कि छात्र और युवा इस तालाब के जीर्णोद्धार की चाहत तो हमेशा से रखते थे, अब जाकर उन्हें उम्मीद जगी है। विश्वविद्यालय से जुड़ने के एक वर्ष के अंदर इस खेल से जुड़े कई खिलाड़ी इस खेल के जरिए सेना में नौकरी पा चुके हैं। नौकरी में इसके लिए दस अंक का ग्रेस मिला।
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हम आकर यहां नौकायान प्रतियोगिता की तैयारी करते हैं ताकि भागलपुर विश्वविद्यालय का नाम देश में रोशन कर सकें। पर यहां समस्याएं ही समस्याएं हैं। लड़कियों के लिए एक चेंज रूम तो यहां होना ही चाहिए और सार्वजनिक शौचालय भी बनाया जाना चाहिए, ताकि तालाब के इर्दगिर्द बेशर्म की तरह खुले में शौच के लिए बैठे लोग कम से कम नौकायान की तैयारी में आई लड़कियों को शर्मसार तो नहीं कर सकेंगे।
पल्लवी
खिलाड़ी, कैयकिंग
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अब फिर जगी उम्मीद
पार्षद प्रतिनिधि देवाशीष बनर्जी कहते हैं कि सात वर्ष पहले नगर निगम बोर्ड में उन्होंने इस पोखर के सुंदरीकरण और पर्यटन के लिहाज से विकसित करने का प्रस्ताव दिया था। इसे आगे बढ़ाते हुए पार्षद कुंदन यादव कहते हैं कि तब दो करोड़ रुपये का प्रस्ताव पारित हुआ था। सरकार से एक करोड़ रुपये भी आवंटित होने की बात सामने आई थी। इसमें डूडा की ओर से पचास लाख रुपये की लागत से अधकचरा काम किया गया। काम क्यों रुका, इसके बारे में किसी ने जानकारी अब तक नहीं दी है। नगर निगम के मेयर व आयुक्त को चाहिए वे भी इसमें रूचि लें और पुराने फंड को लाकर इसके सुंदरीकरण में भागीदार बनकर इतिहास बनाएं।
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नगर निगम की ओर से सफाई का जिम्मा उठा रही एजेंसी का यहां गोदाम है। सारी गाड़ियां और सफाईकर्मी यहीं से विभिन्न वार्डो में जाते हैं। अब जरा इस तालाब के तट का हाल देख लीजिए। जो अपने घर की सफाई नहीं कर सकता वह शहर की सफाई क्या खाक करेगा? हमें अपने दम पर आगे बढ़ना है।
कुंदन यादव
पार्षद, नगर निगम
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कल आयुक्त व डीएम से मिलेगा छात्र संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल
दो वर्ष पूर्व भैरवा तालाब और लालबाग तालाब के जीर्णोद्धार के लिए प्रयास किया था। विश्वविद्यालय के अभियंता ने इसके लिए प्राक्कलन बनाकर जिला प्रशासन को भेजा था। तब मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब इस अभियान ने फिर से उम्मीद जगाई है। छात्र संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को इसके लिए आयुक्त और जिलाधिकारी से मिलेगा। यह तालाब आसपास के हॉस्टलों में रहने वाले छात्रों के लिए एसी का काम करता है। इस गर्मी में भी तालाब के कारण रात में ठंडी हवाओं का झोंका सुखद नींद दिलाता है। छात्र यहां सफाई के लिए भी श्रमदान करेंगे।
अजीत कुमार सोनू
संयोजक, छात्र संघर्ष समिति
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भैरवा तालाब विश्वविद्यालय और भागलपुर की धरोहर है। यह विश्वविद्यालय को आर्थिक लाभ भी देता है। इस तालाब पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जाना ही चाहिए। इसके सुंदरीकरण में सहयोग करने वाले सभी लोगों, संस्थाओं और प्रशासन का स्वागत है। हम सकारात्मक कार्य में हमेशा साथ खड़े रहेंगे। इसके विकास के लिए विश्वविद्यालय हर संभव सहयोग करेगा।
रमाशंकर दुबे
कुलपति, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय
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आकर्षित करता भैरवा तालाब
बुधवार को विश्वविद्यालय में एक सेमिनार में हिस्सा लेकर आए आधे दर्जन प्रतिभागी भैरवा के दर्शन को पहुंचे। मंचन कुमार, जय कुमार, रोहित, शिप्रा, प्रीति, दामिनी ने यहां सेल्फी भी ली और इसका जल शरीर पर छिड़ककर पास में दुर्गा मंदिर, शिव मंदिर को प्रणाम किया। सभी ने कहा इस तालाब को विकसित किया ही जाना चाहिए।