साहब, अब और कितनी जानें लेंगे
भागलपुर [नवनीत मिश्र] साहब, अब और कितनी जानें लेंगे। आपके आदेश की धज्जियां उड़ रही हैं और आप हाथ पर
भागलपुर [नवनीत मिश्र]
साहब, अब और कितनी जानें लेंगे। आपके आदेश की धज्जियां उड़ रही हैं और आप हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। नो-इंट्री में ट्रकों का परिचालन होने से अबतक कई घरों की खुशियां उजड़ गई हैं। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। बैठक दर बैठक कर ट्रक मालिकों के अलावा फर्टिलाइजर कंपनियों के प्रबंधक, एफसीआई के प्रबंधक सीमेंट कंपनी के प्रबंधक को कई निर्देश दिए गए थे। मोटर यान निरीक्षक को नो-इंट्री में चलने वाले ट्रकों के फिटनेस की जांच करनी थी। 18 वर्ष पुराने ट्रकों का परिचालन बंद होना था, लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के सचिव जवाहर प्रसाद ने दो अक्टूबर 2013 में शहर में कई दुर्घटनाओं के बाद नो-इंट्री में चलने वाले ट्रकों को पकड़कर 50 हजार रुपये का जुर्माना किया था। ट्रक ओवरलोड था और समय के अनुसार परिचालन नहीं हो रहा था। क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के सचिव जवाहर प्रसाद के नेतृत्व में सात अगस्त 2013 को मोटर यान निरीक्षक के कार्यालय में नो-इंट्री में चलने वाले ट्रकों को लेकर बैठक की गई थी। बैठक में निर्णय लिया गया था कि स्कूल के समय में ट्रकों के परिचालन पर पूर्णत: रोक रहेगी। स्कूल टाइम के 15 मिनट पहले गोदाम से एक भी ट्रक नहीं निकलेगा। जर्जर ट्रकों के परिचालन पर पूरी तरह रोक लगाने का निर्णय लिया गया था। एफसीआई प्रबंधक व ट्रक मालिकों से कहा गया था कि वे जर्जर ट्रकों का परिचालन बंद कर दें। नए ट्रकों के परिचालन के लिए अनुमति लें। 15 वर्ष पुराने ट्रकों का पुन: पंजीयन कराया जाए। जिला परिवहन पदाधिकारी व मोटर यान निरीक्षक से फिटनेस प्रमाणपत्र लेकर ही ट्रकों के परिचालन की बात कही गई थी। इसके लिए ट्रक मालिकों को अगस्त 13 तक का समय दिया गया था। यह भी ट्रक मालिकों से कहा गया था कि शहर में 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से अधिक ट्रकों का परिचालन न हो। ओवर लोड ट्रकों का परिचालन न हो। ऐसा हुआ तो गाड़ी मालिक के साथ-साथ प्रबंधक व परिवहनकर्ता को जिम्मेदार ठहराते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ढाई दर्जन ट्रकों के परिचालन पर लगी थी रोक
तीन अक्टूबर 2013 को लोहिया पुल पर सेंट टेरेसा की शिक्षिका मौसम की ट्रक से कुचलकर मौत के बाद शहर में जमकर बवाल हुए थे। इसके बाद जिला प्रशासन ने चार अक्टूबर 2013 को नो-इंट्री में चलने वाले ढाई दर्जन जर्जर ट्रकों के परिचालन पर रोक लगा दी थी। तत्कालीन क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के सचिव जवाहर प्रसाद ने मामले को गंभीरता से लेते हुए चार अक्टूबर 13 को तत्कालीन जिला परिवहन पदाधिकारी अभ्येंद्र मोहन सिंह व मोटर यान निरीक्षक एसके सिंह के साथ रेलवे रैक प्वाइंट (कोयला डिपो) पर जाकर नो-इंट्री में चलने वाले ढाई दर्जन से अधिक ट्रकों की जांच की थी। साथ तिलकामांझी स्थित बिहार राज्य खाद्य निगम के गोदाम में जाकर भी ट्रकों की जांच व फोटोग्राफी कराई गई थी। सभी ट्रकों को अनफिट करार दिया गया था। नो-इंट्री में चलने वाले 91 ट्रक मालिकों से जांच के लिए कागजात मांगे गए थे। सचिव 15 वर्ष पुराने व जर्जर ट्रकों के परिचालन पर रोक लगा दिया था। उन्होंने कहा था कि 15 वर्ष पुराने ट्रकों का परिचालन शहर में नहीं हा सकता है। प्रतिबंधित ट्रकों के कागजात ट्रैफिक पुलिस को उपलब्ध कराए गए थे। लेकिन उक्त अधिकारियों के बदलते ही फिर से खटारा ट्रकों का परिचालन शुरू हो गया है।