एनओसी मिलते ही तोड़ा जाएगा गोपालपुर पुल
भागलपुर। जिला प्रशासन से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिलने के बाद ही जर्जर गोपालपुर रेल ओवरब्रिज को
भागलपुर। जिला प्रशासन से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिलने के बाद ही जर्जर गोपालपुर रेल ओवरब्रिज को तोड़ा जाएगा। इस संबंध में रेलवे अधिकारियों द्वारा सोमवार को जिलाधिकारी को आवेदन दिया जाएगा। उधर, दुर्घटना की संभावना को देखते हुए उप मुख्य अभियंता, निर्माण विभाग द्वारा रविवार को गोपालपुर रेल ओवर ब्रिज के दोनों ओर बीच सड़क पर लोहा गाड़कर पुल पर बड़ी गाड़ियों के परिचालन पर पाबंदी लगा दी गई है।
दूसरी ओर गोपालपुर पुल तोड़ने व नए पुल के निर्माण में काफी समय लगने से गोपालपुर, जीच्छो, सरधो आदि गांवों के लोगों के लिए आवागमन की गंभीर समस्या खड़ी होगी। समस्या के समाधान के लिए इन गांवों के लोग पुल तोड़ने से पूर्व डायवर्जन निर्माण की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों के विरोध के कारण रेलवे के लिए पुल तोड़ने व नए पुल निर्माण में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
उप मुख्य अभियंता, निर्माण दीपेंद्र कुमार के अनुसार जर्जर पुल को तोड़ने के लिए सोमवार को जिलाधिकारी आदेश तितरमारे को आवेदन दिया जाएगा। डीएम के अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद पुल तोड़ने का काम शुरू कर दिया जाएगा। पुल तोड़ने में चार-पांच दिन लगेंगे। उन्होंने बताया कि पुल निर्माण की तैयारी पूरी कर ली गई है। पुराने पुल तोड़ने के एकाध दिन बाद ही नए पुल निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। नया पुल ढाई-तीन गुने अधिक बड़ा और चौड़ा पुल बनेगा। पुल निर्माण पूरा होने में आठ-नौ महीने लगेगा। फरवरी-मार्च 2017 तक निर्माण पूरा कर करने की योजना है।
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ऐसे हो सकता है समाधान
बहादपुर स्कूल के बगल से सड़क है जो गोपालपुर गांव होकर गुजरती है। यह सड़क आगे गोपालपुर पुल के समीप वैकल्पिक बाइपास से मिल जाती है। बीच में ही अंडरपास बना हुआ है। चूंकि डायवर्जन निर्माण के लिए जगह नहीं है इसलिए रेल अंडरपास 148 पर समपार का निर्माण कराया जा सकता है। समपार बनाने से बड़ी गाड़ियों के परिचालन की भी समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकता है। जिससे आसपास के गांव के लोगों के आवागमन में सहूलियत होगी। लेकिन कुछ जगह सड़क की चौड़ीकरण व कालीकरण करानी होगी। हालांकि गोपालपुर गांव में मु. निजाम, अनिल यादव, विशुनदेव यादव, अश्विनी यादव व गोपाल मंडल के घर के पास मोड़ है। मोड़ के पास चौड़ाई कम होने के कारण बड़े वाहन को मोड़ने में समस्या खड़ी होगी। इस समस्या के समाधान के लिए मोड़ के पास सड़क की चौड़ाई 8-9 फीट से बढ़ाकर 15-16 फीट करना पड़ेगा।
हालांकि उप मुख्य अभियंता, निर्माण का कहना है कि रेलवे लाइन क्रॉस कर डायवर्जन निर्माण करना होगा। जो संभव ही नहीं है। समपार क्रॉसिंग बनाने का निर्णय भी रेल मंत्रालय द्वारा ही लिया जा सकता है। स्थानीय स्तर पर इस तरह की कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस बारे में मालदा डीआरएम से जिला पदाधिकारी की बात भी हुई है।