छात्रों के लिए निगम बनाएगा हॉस्टल
भागलपुर । स्मार्ट सिटी की कतार में खड़ा भागलपुर नगर निगम अब उम्दा सोच के साथ आगे बढ़ेगा। निगम प्रशासन
भागलपुर । स्मार्ट सिटी की कतार में खड़ा भागलपुर नगर निगम अब उम्दा सोच के साथ आगे बढ़ेगा। निगम प्रशासन आने वाले समय में शहर में निगम छात्रावास बनाएगा। पत्रकारों के लिए निवास, वकीलों के लिए चेंबर और हर वार्ड में पार्षदों के लिए ऑफिस भी बनाया जाएगा। आय बढ़ाने के लिए शहर में प्रवेश करने वाले वाहनों पर टोल टैक्स भी लिया जाएगा और जाम से निदान की व्यवस्था भी बनाई जाएगी।
सोमवार को बजट प्रारूप पर सुझाव और परिचर्चा के दरम्यान उक्त मुद्दों को पार्षदों ने बजट में शामिल करने की सहमति प्रदान की। एक होटल में बजट तैयार करने के लिए बनी तदर्थ समिति की ओर से मेयर व डिप्टी मेयर की मौजूदगी में पार्षदों विमर्श कर रहे थे। हालांकि, पिछले बजट में पारित प्रस्तावों के हश्र के कारण ऐसी सपनीली योजनाओं के भविष्य भी सवाल के घेरे में रहे।
तदर्थ समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि भागलपुर क्या सोचता है और क्या चाहता है इसे इस बजट में शामिल किया गया है। इस दफे जनता की सीधी भागीदारी बजट बनाने में रहेगी। दो दिन पूर्व शहर के बुद्धिजीवियों के साथ बजट को लेकर बैठक हुई थी। आम और खास लोगों के जो भी प्रस्ताव आए हैं उसे इस बजट में शामिल किया जा रहा है। संतोष ने कहा कि चूंकि भागलपुर शिक्षा का हब बन चुका है सो वे यहां निगम छात्रावास का प्रस्ताव शामिल करा रहे हैं। चूंकि हम स्मार्ट सिटी बनने जा रहे हैं सो यहां पर दिल्ली की तर्ज पर पत्रकारों के निवास और अधिवक्ताओं के लिए कक्ष का प्रस्ताव दिया गया है ताकि हम वाकई स्मार्ट लगें। इसके साथ पार्षदों के लिए नियमित कार्यशाला और टूर प्रोग्राम को भी बजट में शामिल किया गया है।
चर्चा में शामिल पार्षदों ने अपनी ओर से भी जनहित से जुड़े सुझाव रखे जिसे बजट में शामिल किया गया। जबकि तदर्थ समिति के सदस्य आशीष कुमार ने इसे ऐतिहासिक पल बताया। उन्होंने कहा कि पारदर्शी तरीके से बजट बनाया जा रहा है। यह कदम हमें विकसित शहर की ओर ले जाएगा। अमरकांत मंडल ने कहा कि समिति ने शहर के हर जरूरत को बजट में समेटने की कोशिश की गई है।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में मेयर दीपक भुवानियां ने उम्दा बजट प्रारूप तैयार करने के लिए तदर्थ समिति की सराहना की। मेयर ने शहर में वाईफाई जोन बनाने का प्रस्ताव दिया और तदर्थ समिति से इसे बजट में शामिल करने को कहा। उन्होंने बजट के अन्य बिंदुओं पर अपनी सहमति दी और कहा कि कोशिश करेंगे कि अंतिम वर्ष में विकास के अधिक से अधिक कार्य करा सकें। मेयर ने कहा कि सभी वार्ड में पार्षद कार्यालय बनाने के लिए अगर सरकार राशि देती है तो ठीक, नहीं तो स्टांप ड्यूटी मद की राशि से यह काम कराया जाएगा।
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समस्या के आधार पर प्राथमिकता तय की जाए। सिर्फ योजना करना ही पार्षदों काम नहीं है। शहर में ट्रामा सेंटर बने, इसका प्रस्ताव भी बजट में शामिल करें। डूडा, सांसद, विधायक, विधान पार्षदों के साथ समन्वय कर योजनाएं तैयार की जाएं। वर्षा जल संचय पर जोर होना चाहिए।
देवाशीष बनर्जी
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गंदा पानी आज भी गंगा में सीधे बह रहा है। इसपर योजना बने। शहर में ओवर ब्रिज बने और पार्षदों का नया भवन बनाया जाए।
रंजन सिंह
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चार वार्ड मिलाकर एक जोन बनाया जाए और यहां से कूड़ा का डंपिंग जोन मुख्य सड़क से हटकर बनाया जाए। पार्षद कक्ष का प्रस्ताव पिछली बजट में भी आया था यह नहीं बना। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का प्रचार हो।
संजय सिन्हा
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दस वर्षो से यहां सिर्फ कागजी समाधान होता आया है। सफाई, ड्रेनेज की योजनाओं को लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है।
रश्मि रंजन
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शहर के चारों ओर प्रवेश करने की सीमा पर प्रवेश द्वार बनाए जाएं। दक्षिणी क्षेत्र सबसे अधिक पिछड़ा है सो इसे सभी के सहयोग से मुख्य धारा में लाएं।
रामाशीष मंडल
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शहर में पेयजलापूर्ति की स्थिति सबसे अधिक खराब है। इसके लिए ठोस योजना बनाए जाने की जरूरत है।
जफर
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सफाई के लिए ऑटो ट्रीपर की आवश्यकता है। हर दो वार्ड के लिए एक ऑटो ट्रीपर की खरीद की जानी चाहिए।
असगर
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करोड़ों का बजट बनता है, पर बहुत कार्यो को धरातल पर उतरते नहीं देखा है। समिति द्वारा बनाया गया बजट और पार्षदों का सुझाव प्रशंसनीय है। पर, बजट में हमें अपनी आय के बारे में भी समझ रखनी होगी। हर कार्य के लिए सरकार की ओर टकटकी लगाये रखना अच्छा नहीं है। हमें अपनी आमदनी बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिए शहर में आने वाले वाहनों, पानी का व्यवसाय करने वालों लोगों से टैक्स लिया जाए ताकि नगर निगम की आय बढ़े। इसके साथ पार्किंग स्थल बने और जाम की समस्या के निदान पर काम हो। पेयजलापूर्ति को लेकर निगम को खुद के दम पर खड़ा होना होगा।