कोसी व पूर्व बिहार में तेजी से पांव पसार रहा एड्स
भागलपुर [अशोक अनंत] कोसी व पूर्व बिहार में एड्स तेजी से पांव पसार रहा है। 2012 से अबतक 2255 एड्स प
भागलपुर [अशोक अनंत]
कोसी व पूर्व बिहार में एड्स तेजी से पांव पसार रहा है। 2012 से अबतक 2255 एड्स पीड़ितों की पहचान हो चुकी है। इनमें से 92 मरीज काल के गाल में समा चुके हैं। मृतकों में नौ बच्चे भी शामिल हैं। जेएलएनएमसीएच की एंट्री रेट्रो वायरस ड्रग सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक एड्स से सर्वाधिक प्रभावित मरीज भागलपुर व सबसे कम किशनगंज जिले में हैं। विशेषज्ञों की मानें तो ज्यादातर लोग असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने के कारण एडस की चपेट में आए हैं। जागरुकता की कमी के कारण पीड़ितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
अब तक 2255 मरीजों की हो चुकी है पहचान
एंट्री रेट्रो वायरस ड्रग सेंटर में 2012 से 25 नवंबर 2015 तक 2255 एड्स पीड़ितों की पहचान की जा चुकी है। इनमें से 92 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। इसमें भागलपुर के करीब 10 मरीज शामिल हैं।
बता दें कि एआरटी सेंटर में भागलपुर, बांका, मुंगेर, सहरसा, अररिया, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज के अलावा झारखंड के साहेबगंज, पाकुड़, गोड्डा आदि जिलों के मरीजों का भी इलाज किया जाता है। अधिकांश मरीज वाहन चालक और मजदूर वर्ग के हैं, जो रोजगार के लिए अन्य राज्य आते-जाते रहते हैं।
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इलाजरत एड्स मरीजों की सूची 2012 2013 2014 2015
भागलपुर 122 59 167 143
बांका 60 30 67 57
मुंगेर 89 41 109 80
सहरसा 45 32 56 49
अररिया 24 26 8 5
कटिहार 51 101 13 12
खगड़िया 123 46 29 10
किशनगंज 18 7 0 2
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मृतकों की संख्या
पुरुष महिला बच्चा बच्ची
2012 28 5 3 0
2013 13 4 0 1
2014 18 7 0 2
2315 6 2 1 0
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एड्स होने के कारण
- असुरक्षित यौन संबंध कायम करना
- संक्रमित रक्त चढ़ा दिया जाना
- एड्स पीड़ित मरीज पर उपयोग की गई सूई से दूसरे मरीज को इंजेक्शन देना
- एड्स पीड़ित गर्भवती महिला से उसके होने वाले शिशु को
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बचाव के लक्षण
- सुरक्षित यौन संबंध बनाएं
- पति-पत्नी एक दूसरे के प्रति वफादार रहें
- हमेशा डिस्पोजेबल इंजेक्शन से सूई लें
- पूर्ण जांच के बाद ही रक्त चढ़ावें
- सैलून में एक ब्लेड से एक ही बार सेविंग करावें
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एड्स के लक्षण
- अचानक वजन का कम हो जाना, टीबी होना, लगातार पेट खराब रहना, बुखार होना आदि।
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नहीं होता है एड्स
- एडस पीड़ित मरीज को छूने व उसके साथ भोजन करने से
- एडस पीड़ित से करीब से बात करने से
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कोट :-
जांच से ही एचआईवी होने या नहीं होने की जानकारी मिलती है। अस्पताल में इसकी निश्शुल्क जांच होती है। गर्भवती महिलाओं को एचआईवी जांच कराना अनिवार्य होता है। एआरटी सेंटर में एड्स पीड़ितों को निश्शुल्क दवाएं भी जाती हैं।
- डॉ. राम चरित्र मंडल, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच
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सरकार को एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहिए। जागरुकता से ही इस रोग से बचाव संभव है।
- डॉ. एके पाण्डेय, पूर्व विभागाध्यक्ष, मेडिसीन