लीड तीनों भाई ब्रेन मलेरिया की चपेट में थे
भागलपुर। कहलगांव नवटोलिया के तीन भाइयों (दो वर्ष से 12 वर्ष की उम्र) की मृत्यु अज्ञात बीमारी से नहीं
भागलपुर। कहलगांव नवटोलिया के तीन भाइयों (दो वर्ष से 12 वर्ष की उम्र) की मृत्यु अज्ञात बीमारी से नहीं बल्कि ब्रेन मलेरिया से हुई थी। इसकी जांच सुभाषिणी पैथोलॉजी में की गई थी। लेकिन जांच देने के बाद से ही मरीज के परिजन मरीज को लेकर चले गए।
पैथोलॉजिस्ट डॉ. कुमार सुनीत के मुताबिक मरीज के परिजन तीनों मरीजों के रक्त जांच के लिए 26 अगस्त को दी थी। जांच रिपोर्ट में ब्रेन मलेरिया पाया गया। रक्त में 2.5 पारासाइट रहने पर मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। इन तीनों के पारासाइट 5.6 थे। जांच रिपोर्ट लेने के लिए जब कोई नहीं आया तो कई बार परिजन के मोबाइल पर संपर्क किया गया लेकिन बात नहीं हो पाई। वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके सिन्हा ने बताया कि मरीज इलाज के लिए मेरे क्लीनिक में आया था। लेकिन रुका नहीं। मरीजों की हालत काफी गंभीर थी। अगर वह रहता तो मरीजों को अस्पताल के आईसीयू में रखा जाता। लेकिन वे झाड़फूंक के चक्कर में पड़ गए और उनकी जान चली गई।
ब्रेन मलेरिया के मरीज बढ़े
पिछले एक सप्ताह से ब्रेन मलेरिया के मरीजों में वृद्धि हुई है। ज्यादातर मरीज बांका और भागलपुर के हैं। इनका इलाज जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल और निजी क्लीनिकों में किया जा रहा है। डॉ. आरके सिन्हा के क्लीनिक में खरीक प्रखंड के बकिया दियारा के फूलचंद कुमार, बांका बाराहाट के सोहेल कुमारी, अमरपुर के छोटू कुमार दास, नीरज कुमार और मोहनपुर के छोटू कुमार का इलाज किया जा रहा है। वहीं अस्पताल में भी पांच मरीज ब्रेन मलेरिया के भर्ती हैं।
रोग के लक्षण
चमकी आना, सिर में भयानक दर्द होना, बुखार होना और उल्टी होना आदि शामिल है।