संसशो . हमें अपने हाथों खोलने होंगे विकास के दरवाजे
भागलपुर। वर्तमान में भागलपुर एक सिमटा हुआ शहर सा है। फैलने की जगह सीमित है। प्रति व्यक्ति खर्च ठीकठा
भागलपुर। वर्तमान में भागलपुर एक सिमटा हुआ शहर सा है। फैलने की जगह सीमित है। प्रति व्यक्ति खर्च ठीकठाक होने के बावजूद बाजार बड़े-बड़े ब्रांडों के अभाव से जूझ रहा है। ढंग के इक्का-दुक्का शोरूम कहीं दिख जाते हैं। औद्योगिक विकास ठप है। जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के तमाम आश्वासनों के बावजूद निवेशक इधर का रूख नहीं कर रहे हैं।
आर्थिक विशेषज्ञ सुनील चौधरी की मानें तो इसके पीछे सबसे बड़ी समस्या अधिसंरचनाओं का घोर अभाव है। यही वजह है कि अब तक यहां का व्यावसायिक सोच धीमा है। स्मार्ट सिटी बनने के बाद भागलपुर में बड़े पैमाने पर होने वाला खर्च इस कमी को दूर कर देगा। लेकिन स्मार्ट सिटी लायक जीवन स्तर विकासित करने के लिए हमें अपने हाथों ही अपनी तकदीर लिखनी होगी। अर्थव्यवस्था के आंतरिक स्रोतों से आर्थिक क्रांति करनी होगी। यह फूड प्रोसेसिंग, कपड़ा उद्योग और सोफ्टवेयर पार्क का बेहतर प्रयोग कर संभव भी है। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन भी होगा।
केवल धान के बूते चार हजार करोड़ का फायदा
अधिसंरचनाओं का विकास नहीं होने की वजह से भागलपुर और आसपास के जिलों के धान अन्य राज्यों में भेज दिये जाते हैं। हमारे जोन में 20-25 लाख मैट्रिक टन धान का उत्पादन होता है। इनमें से महज एक लाख मैट्रिक टन का ही हम प्रोसेसिंग कर पाते हैं। गंगाई उन्नत धान उत्पादक होने के बावजूद अन्य प्रदेशों के घटिया चावल हम खरीदकर खाते हैं। इस तरह प्रति वर्ष नोशनल लॉस तीन से चार हजार रुपये तक भागलपुर को होता है। अगर यहां फूड प्रोसेसिंग इकाई लग जाए तो इस क्षति को पाटा जा सकता है। नवगछिया में केला, लीची आदि फलों को भी बेहतर उपयोग हो पाएगा। खेती और किसानी के साथ औद्योगिक गति भी तेज हो जाएगी।
कपड़ा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा
अभी औद्योगिक इकाइयों के अभाव में हमारे यहां के कारीगर कम दामों में कपड़ों का निर्यात करते हैं। अधिसंरचनाओं का विकास होने से कपड़ों की गुणवत्ता में सुधार तो आएगा ही, साथ ही कीमत भी अच्छी मिलेगी।
सॉफ्टवेयर पार्क से सेवा क्षेत्र को मिलेगा बल
भागलपुर में सॉफ्टवेयर पार्क को प्रमोट करने की योजना है। इसके लिए 260 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पार्क बनने से शिक्षा का हब के रूप मशहूर भागलपुर के युवाओं को काफी लाभ मिलेगा। रोजगार के लिए अन्य प्रदेश नहीं जाने होंगे।