'स्मार्ट सिटी के सपनों को लगे पंख, अब भरेंगे उड़ान'
भागलपुर : देश के 100 में 98 स्मार्ट सिटीज की लिस्ट गुरुवार को जारी कर दी गई। इनमें बिहार के तीन शहर
भागलपुर : देश के 100 में 98 स्मार्ट सिटीज की लिस्ट गुरुवार को जारी कर दी गई। इनमें बिहार के तीन शहर भागलपुर, मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ शामिल हैं। कड़ी प्रतिस्पद्र्धा के बाद इस कामयाबी ने निश्चित रूप से शहर के आत्मविश्वास को बढ़ाया है। स्मार्ट सिटी के सपनों को पंख लगने के बाद अब शहर नई उड़ान भरने के लिए तैयार हो गया है। देश भर के 600 शहरों से लड़ते हुए अंग प्रदेश और सिल्क सिटी के नाम से पहचाने जाने वाले इस शहर ने यह उपलब्धि हासिल की है। इसी को लेकर हमने भागलपुर के मेयर दीपू भुवानियां से विशेष बातचीत की।
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* इस उपलब्धि को हासिल करने में किन परेशानियों का सामना करना पड़ा?
- अखबारों के माध्यम से केंद्र सरकार की इस कवायद के बारे में जानने का मौका मिला। लेकिन, इसके लिए काफी कड़ी शर्ते थीं और हमारे पास समय भी कम था। फिर भी हमने कड़ी मेहनत कर हर बाधा पार की और आज परिणाम सबके सामने है।
* इस काम में किन-किन लोगों का सहयोग मिला?
- मैंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नगर विकास मंत्री और नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव से बात की। इन सभी लोगों का भरपूर सहयोग मिला।
* नगर निगम के कर्मियों और पार्षदों ने इस काम में क्या सहयोग दिया?
- पार्षद के साथ-साथ नगर आयुक्त और विभाग के सभी कर्मचारियों का भरपूर सहयोग मिला। सबने बेहतर काम किया। इस कारण नगर निगम की वेबसाइट और ई-मासिक पत्रिका की समय पर शुरुआत की जा सकी। सब के सहयोग के कारण ही आज सफलता मिली है।
* शहर के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है?
- शहर के सामने आज यातायात सबसे बड़ी समस्या है। दो जगहों पर पुल टूटे रहने के कारण मुंगेर और बांका समेत कई अन्य शहरों से भागलपुर का सीधा सड़क संपर्क नहीं है। कहलगांव के पास भी स्थिति खराब है। चंपापुल के कारण कई शहरों से वाहन नहीं आ पाते। शहर के अंदर भी रोज जाम की समस्या रहती है। कूड़ा निस्तारण के लिए अब तक शहर को जमीन नहीं मिल पाई है। नए जिलाधिकारी को इस समस्या से अवगत कराया गया है। उन्होंने सकारात्मक रुख दिखाया।
* स्मार्ट सिटी की जंग में आपकी प्राथमिकता क्या होगी?
- शहर में तीन जगहों पर फ्लाईओवर का निर्माण करवाना होगा। जाम की समस्या से निपटने के लिए बाईपास की जरूरत है। पार्किंग की व्यवस्था भी करवानी होगी। शहर की सड़कों पर एलईडी लाइटें लगवाने की जरूरत है। शहर में पार्को की कमी भी दूर करनी होगी। जलनिकासी की उचित व्यवस्था करनी होगी।
* लोगों से आप किस तरह के सहयोग की उम्मीद करते हैं?
- लोगों को इस काम में कई तरह से सहयोग करना होगा। जल्द ही शहर के प्रबुद्ध लोगों और संस्थाओं से शहर के विकास के लिए सुझाव मांगे जाएंगे। इन सुझावों पर गंभीरता से विचार कर योजनाएं तैयार की जाएंगी। लोग भी समझें कि उनका शहर स्मार्ट है और वे अपने कर्तव्यों का उचित पालन करें।
* इस काम में राजनीतिज्ञों का कितना सहयोग मिला?
- राजनीतिज्ञों या क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का कोई सहयोग नहीं मिला। सहयोग सिर्फ पार्षदों, निगम कर्मियों और निगम के पदाधिकारियों का मिला। अब जब श्रेय लेने की बात आएगी तो सभी आगे हो जाएंगे।
* आगे की क्या योजना है?
- नगर निगम को पूरी तरह से हाईटेक बनाने की योजना है। यहां के हर काम को ऑनलाइन किया जाएगा। लोगों को टैक्स जमा करने या जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र आदि लेने में कोई समस्या ना हो, इस कारण ऐसी योजना बनाई जा रही है। जल्द ही नगर निगम को ऑनलाइन किया जाएगा। लोगों के सहयोग के लिए जल्द ही निगम कार्यालय में एक हेल्प डेस्क की स्थापना की जाएगी।
* विकास कार्यो में सरकार से कितना सहयोग मिल रहा है?
- विकास कार्यो में सरकार से भरपूर सहयोग मिल रहा है। इस शहर का चयन अमृत योजना के तहत भी किया गया है। इसके तहत 60 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है जिससे शहर के ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त किया जाएगा।
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प्रस्तुति : संजय सिंह।