अमृत योजना के 20 करोड़ से शहर में बनेंगे 20 सड़क व नाला
भागलपुर। नगर निगम स्मार्ट सिटी बनने की तैयारियों में जुटा हुआ है। शुक्रवार को निगम के सभा कक्ष में ह
भागलपुर। नगर निगम स्मार्ट सिटी बनने की तैयारियों में जुटा हुआ है। शुक्रवार को निगम के सभा कक्ष में हुई सशक्त स्थायी कमेटी की बैठक में भी यही देखने को मिला। महापौर दीपक भुवानियां की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्मार्ट सिटी के मानकों को आधार मानते हुए ही प्रस्ताव रखे गए। ई गर्वेनेंस, सड़क, नाला व सफाई के अलावा मूलभूत सुविधाओं को प्रस्ताव में रखा गया।
स्मार्ट सिटी की राशि को छोड़कर केंद्र सरकार की अमृत योजना से मिलने वाली 20 करोड़ की राशि से शहर के 10 बड़ी सड़कें और 10 नालों के अलावा पार्क का निर्माण होगा। केंद्र सरकार की योजना हाउसिंग फार आल की स्वीकृति कमेटी के सदस्यों ने दी। स्मार्ट सिटी के लिए डीपीआर तैयार करने हेतु राज्य सरकार द्वारा सलाहकार बहाल किया गया है। इसके पूर्व निगम अपना मास्टर प्लान तैयार करेगी। निगम के कार्यो की गतिविधि, सुझाव और विचारों का नगर निगम प्रतिमाह 200 प्रति पत्रिका प्रकाशित करेगा। वाडरें में सफाई के लिए अतिरिक्त मानव बल लगाने पर विचार किया गया। इसके लिए 15 से 20 लोगों का समूह बनाया जाएगा। सफाई के लिए इन्हें एक दिन पूर्व स्थान की सूचना दी जाएगी। इस मौके पर डिप्टी मेयर डॉ. प्रीति शेखर, नगर आयुक्त अवनीश कुमार सिंह, पार्षद काकुली बनर्जी, उषा देवी और अबरार हुसैन उर्फ बेला आदि निगम कर्मी मौजूद थे।
कमेटी द्वारा पारित प्रस्ताव :
- डोर टू डोर कूड़ा संग्रह के लिए 200 लोहे के कूड़ेदान की खरीदारी
- वार्ड 38 के दुकानदारों को 1000 डस्टबीन मिलेगा।
- निगम के शौचालय की होगी बंदोबस्ती
- श्रावणी मेला व विषहरी पूजा के लिए 2000 सीएफएल की खरीदारी
- मेला में बरारी सिढ़ी घाट एवं एसएम कॉलेज घाट पर जेनरेटर की व्यवस्था
- शीतला स्थान व तिलकामांझी चौक पर कांवरिया के लिए खुलेगा सूचना केंद्र
- सिटी मैनेजर के लिए खरीदा जाएगा सूमो
- होल्डिंग टैक्स का संपूर्ण डाटाबेस होगा कम्प्यूटरीकृत
- योजना शाखा को इंटरनेट से किया जाएगा सुसज्जित
- मोबाइल एप्स पर होगा भागलपुर नगर निगम
- एक हजार रुपये के भुगतान पर मिलेगा शव वाहन
वेंडिंग जोन पर हुआ विचार :
नाथनगर के कर्णगढ़ में वेंडिंग जोन के निर्माण से संबंधित प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। करीब दो करोड़ की लागत से 106 दुकानों का निर्माण कराया जाएगा। यहां शौचालय, पेयजल व पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। नगर विकास विभाग के पास डीपीआर भेजा गया है। राशि स्वीकृत होने पर कार्य प्रारंभ होगा।
यहां हो सकती है पार्किंग :
शहर में जाम व पार्किंग की समस्या से निजात के लिए घंटाघर टीटीसी परिसर, मुंदीचक वैष्णव दुर्गा मंदिर मार्ग, जिला स्कूल मार्ग, लाजपत पार्क मार्ग व साहेबगंज भूतनाथ मंदिर रोड पर पार्किंग बनाई जाएगी। जमीन आवंटन से संबंधित अड़चनों को दूर किया जाएगा।
मॉल संचालक पर लगेगा जुर्माना
शहर में मॉल खुलने से यातायात प्रभावित हुआ है। मॉल संचालक ने वाहन पड़ाव की व्यवस्था नहीं की है। सड़क पर वाहन खड़ा करवाने वाले मॉल संचालक को निगम जुर्माना लगाएगा। पहला जुर्माना 5000 रुपये, दूसरा 10 हजार व तीसरा जुर्माना 15 हजार का होगा।
पानी पर लगेगा टैक्स :
स्मार्ट सिटी के प्रावधान के अनुरूप पानी उपयोग करने वाले लोगों से शुल्क लिया जाएगा। इसके लिए बड़े होल्डिंग धारक ों से वाटर यूजर चार्ज की वसूली की जाएगी। ऐसे धारकों को जल सेवा के लिए 365 रुपये का वार्षिक शुल्क निगम को भुगतान करना होगा।
पीपीपी मोड पर वृद्धाश्रम का संचालन
नगर निगम ने राज्य का पहला वृद्धाश्रम वार्ड एक के मसकन बरारी में बनवाया। पीपीपी मोड पर इसे संचालित किया जाएगा। प्रथम वर्ष आधारभूत संरचना के लिए निगम सहयोग करेगा। एजेंसी से पीपीपी मोड पर प्रबंधन के लिए निविदा निकाली जाएगी। प्रतिष्ठित एजेंसी अपना प्रस्ताव पांच अगस्त को निगम को दे सकते हैं।
पार्षदों ने किया विरोध, वाक आउट
- पार्षदों का आरोप: जब तीन ही लोगों से होता है शहर का विकास तो पार्षद का क्या काम
- पार्षदों को नहीं मिल पाता है सम्मान
- समय आने पर मुकम्मल जवाब देने की तैयारी में पार्षद
-तीन पार्षदों की नाराजगी, बैठक छोड़ प्रशाल से बाहर निकले
भागलपुर। सशक्त स्थायी कमेटी की बैठक शुरू होते ही हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया। कई पार्षद ने अपने सम्मान लड़ाई के लिए सदन से बाहर निकल गए। हालांकि कुछ देर बाद स्थिति सामान्य हुई और बैठक का दौर शुरू हुआ। हालांकि पार्षदों ने प्रस्ताव पर अपनी सहमती दे दी।
नगर आयुक्त अवनीश कुमार सिंह ने जब स्थायी व सामान्य बोर्ड की बैठक के लिए रोस्टर जारी की बात कही तो पार्षद संतोष कुमार, नसीमउद्दीन व संजय सिन्हा भड़क गए। पार्षदों ने कहा मार्च के बाद बैठक नहीं कराई गई। जबकि माह में स्थायी की दो और सामान्य की एक बैठक होनी चाहिए। जितने विषय पर बैठक में चर्चा होती है उसका अनुपालन नहीं होता है। ऐसे बैठक का क्या औचित्य है। बिना चर्चा के प्रस्तावों को महापौर, नगर आयुक्त पारित कर ले। निगम जो भी प्रस्ताव लेगा उसका समर्थन करेंगे। पार्षदों के सम्मान का अपमान हुआ है। तीन कुर्सियों पर सिस्टम चल रहा है। पार्षद कहीं नहीं हैं। स्मार्ट सिटी का चयन हुआ, लेकिन पार्षदों के साथ एक बैठक तक नहीं की गई। दोनों चेयरपर्सन को पार्षदों ने सम्मान दिया, लेकिन इसे भूल गए। पार्षदों में छिपी हुई शक्ति का एहसास कराया जाएगा। पार्षदों ने कहा कि जनहित का विरोध नहीं किया गया है बल्कि कार्यप्रणाली का विरोध किया गया।