खूनी संघर्ष के मुहाने पर लोदीपुर
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। लोदीपुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर, बसंतपुर, सरधो आदि इलाके में पचास एकड़ स
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। लोदीपुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर, बसंतपुर, सरधो आदि इलाके में पचास एकड़ से अधिक जमीन कोलकाता में धोखे से कराए गए पावर आफ अटार्नी से लिखा लिए गए हैं। जिनपर कब्जे लेने की बारी आने पर खूनी संघर्ष की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। लोदीपुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर, बसंतपुर, सरधो समेत इलाके के कई गांवों में रहने वाले गरीब किसानों की जमीन भू माफियाओं और अपराधियों ने धोखे से लिखवा रखे हैं। धोखे से लिखा ली गई ऐसी जमीन की जानकारी सामने आने पर कुछ लोगों ने एसएसपी विवेक कुमार से शिकायत भी की है। उक्त शिकायत की जांच एसएसपी कर रहे हैं। गरीब किसान विजय कुमार सिंह ने एसएसपी कार्यालय पहुंच ऐसी ही शिकायत बुधवार को करते हुए अपने परिवार की पांच बीघा जमीन धोखे से किसी राजेश झा और सिकिया नामक व्यक्ति द्वारा लिखा लिये जाने की शिकायत की है। उसने कहा है कि उसके परिवार के एक सदस्य को कोलकाता घुमाने के बहाने ले जाकर वहां उसे मौज मस्ती करा पांच बीघा जमीन का पावर आफ अटार्नी करा लिया गया है। उक्त किसान की शिकायत पर एसएसपी ने संज्ञान लेते हुए जांच करा न्याय दिलाने की बात कही है। जांच में सही पाए जाने पर उक्त मामले में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। लोदीपुर के बसंतपुर में भी कई एकड़ में फैले बाग-बगीचे के अलावा खेती योग्य जमीन इलाके में सक्रिय भू माफियाओं ने कोलकाता ले जाकर पावर करा लिया है।
गरीब किसानों को यूं झांसा देते हैं भू माफिया
इलाके के गरीब किसानों की एक-दो कट्ठे जमीन लिखाने के बहाने भू माफिया उन्हें एसी गाड़ी या ट्रेन से कोलकाता ले जाते हैं। वहां पावर आफ अटार्नी कराना आसान और काफी कम खर्च में हो जाता है। वहां ले जाकर उन भाले-भाले किसानों को महंगे होटलों में रख कर उनकी खूब खातिरदारी की जाती है। फिर एक-दो कट्ठे के बदले उनकी सारी जमीन की पावर आफ अटार्नी ले ली जाती है। वहां से आने के बाद जमीन रजिस्ट्री भागलपुर में करा ली जाती है। दो-चार लाख रुपये में इस तरह करोड़ों की जमीनें भू माफिया आसानी से हासिल कर ले रहे हैं। उन जमीनों को कागज में प्लाटिंग कर उसके नक्शे के आधार पर जमीन खरीदने वालों को जमीन दिखा आसानी से बेच दिया जा रहा है। अब जिसने वो जमीन खरीदा उसे कब्जा लेना सोच सकते हैं कितना महंगा हो सकता। इस तरह कई भोले-भाले किसानों की जमीन धोखे से लिखा लिया जा रहा है।