बालू चोरी मामले में नप सकते हैं दो थानाध्यक्ष
भागलपुर। बांका और भागलपुर के प्रतिबंधित और बिना डाक वाले बालू घाट से बालू की चोरी में संदेह के घेरे
भागलपुर। बांका और भागलपुर के प्रतिबंधित और बिना डाक वाले बालू घाट से बालू की चोरी में संदेह के घेरे में आए जगदीशपुर और अमरपुर के थानाध्यक्ष पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। पहली बार जोनल आइजी और एसएसपी संयुक्त रूप से छापेमारी कर जो स्थलीय जांच की है, उससे इस बात के संकेत मिलने लगे हैं कि दोनो जगहों के थानाध्यक्ष पर बड़ी कार्रवाई एक-दो दिनों में सामने आ सकती है। इलाकाई रिपोर्ट के लिए जोनल आइजी कार्यालय में तैनात इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर सदर गणेश ठाकुर शनिवार को इलाके के लोगों का बयान कलमबद्ध कर लिया है। उनकी रिपोर्ट आते ही ऐसा माना जा रहा है कि वरीय पदाधिकारियों की ओर से कार्रवाई की बात सामने आ सकती है।
सड़कों पर दौड़ने वाली बालू गाड़ियों में फर्जी चालान
बांका की ओर से भागलपुर में प्रवेश करने वाली अधिकांश बालू लदे ट्रैक्टरों के चालकों को फर्जी चालान रहता है। उन चालान को देख सहज अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि वह असली नहीं हैं। दरअसल यह चालान राजस्थान की उस कंपनी के नाम से जारी असली चालान की स्कैनिंग कापी वाला चालान है, जिसे बालू माफिया स्थानीय स्तर पर बांट रहे हैं। बालू घाट का ठेका लेने वाली राजस्थान की जिस कंपनी के चालान को स्कैन करा कर उसे बालू माफिया ट्रैक्टर चालकों को ढाई से तीन सौ रुपये में बांट रहे हैं वह स्थानीय स्तर पर मैनेज हो रहा है। इस बात की जानकारी ठेका कंपनी तक को नहीं होता है। स्कैन चालान के बिक्री का संचालन मुख्य रूप से अमरपुर के रतनगंज, कुल्हड़िया, भदरिया, लौसा, बासुदेवपुर आदि इलाके में हो रहा है। सड़कों पर आवाजाही करने वाले ट्रैक्टर चालक उस चालान को पुलिस वाले या खनन पदाधिकारियों को दिखा कर आसानी से गाड़ियां पास करा ले रहे हैं। इस काम में इलाके के एक प्रशांत नामक शख्स का नाम चर्चा में है।