'स्मार्ट सिटी मिशन' में शामिल होंगे अधिकारी
भागलपुर। केंद्र सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी मिशन का आगाज किए जाने के बाद राज्य का नगर विकास विभाग भी ह
भागलपुर। केंद्र सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी मिशन का आगाज किए जाने के बाद राज्य का नगर विकास विभाग भी हरकत में आ गया है। बेशक अभी भागलपुर का नगर निगम क्षेत्र स्मार्ट सिटी बनने की कगार पर भी नहीं खड़ा है। मगर राज्य सरकार ने 25 जून से आरंभ हो रही स्मार्ट सिटी मिशन की प्रक्रिया को समझने के लिए सभी नगर निगम के महापौर व नगर आयुक्त को दिल्ली जाने का न्यौता भेज दिया है।
जानकारी के मुताबिक, गत 12 जून को इस बाबत नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव ने एक पत्र जारी किया है जिसमें बताया गया है कि केंद्र सरकार आगामी 25 जून से स्मार्ट सिटी मिशन तथा अटल मिशन फॉर रिजुवेंसन एंड अर्बन ट्रांसफोरमेशन (एएमआरयूटी) का शुभारंभ कर रही है। इस बाबत दिल्ली के विज्ञान भवन में दो दिवसीय कार्यशाला होगी। इसमें देशभर के महापौर और नगर आयुक्त शामिल होंगे जिन्हें स्मार्ट सिटी के गुणों के साथ नीतिक्रियान्वयन के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
स्मार्ट सिटी बनने में कई अड़चन :
वर्तमान में भागलपुर का नगर निगम बुनियादी जरूरतों को दुरूस्त करने के लिए काफी संघर्ष कर रहा है। लेकिन उसमें सफलता तो दूर, सरकार व जनता का सहयोग मिलना भी दूभर हो रहा है। इसका परिणाम है कि मास्टर प्लान के मुताबिक नगर का विकास नहीं हो रहा है। नगर निगम अतिक्रमण, सड़क जाम, पेयजल, बिजली जैसी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है।
क्या ऐसे बनेगा स्मार्ट शहर
नगर निगम के वार्ड नंबर 48 के पार्षद रामाशीश मंडल का कहना है कि उनके मोहल्ले में एक साल से शिवपुरी जाने वाली सड़क के बांयी तरफ 12 कट्ठा जमीन में बिल्डर द्वारा गढ्डा बना दिया गया जो लगभग आठ फीट गहरा है। इसके चारों तरफ बेरिकेटिंग करने के लिए नगर निगम में कई बार पत्र लिखा। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अगर इस गढ्डे में बरसात व नाले का गंदा पानी जमा होने के पश्चात अगर कोई दुर्घटना हुई तो फिर क्या हश्र होगा। ऐसे में भागलपुर को स्मार्ट सिटी बनाने की बात करना वाकई एक मजाक प्रतीत होता है। लोग अपने घर बनाने के दौरान सरकारी जमीन पर काबिज हो जाते हैं। यहां फ्लाईओवर व ड्रेनेज आदि की सुविधा तक नहीं है।
पलायन पर लगता अंकुश
टीएनबी कॉलेज के प्राणी विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. फारूख अली का कहना है कि स्मार्ट सिटी का बनना अच्छी बात है लेकिन इसमें कई बाधाएं है। यदि क्रियान्वयन प्रक्रिया का ढंग से निगरानी नहीं की गई तो फिर स्मार्ट सिटी का निर्माण करना मुश्किल साबित हो जाएगा। हालांकि अगर सरकार नए शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की प्रक्रिया शुरू करती तो उससे पलायन पर अंकुश लगता।
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