छात्रों ने टीएनबी कॉलेज को कराया बंद
जागरण संवाददाता,भागलपुर: उग्र छात्रों ने बुधवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर टीएनबी कॉलेज को बंद क
जागरण संवाददाता,भागलपुर: उग्र छात्रों ने बुधवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर टीएनबी कॉलेज को बंद करा दिया। विद्यार्थी परिषद के बैनर तले कॉलेज में तालाबंदी की गई। 11 सूत्री मांगों को लेकर चार घंटे तक कॉलेज परिसर में धरना एवं प्रदर्शन दिया गया। प्राचार्य कक्ष एवं मुख्य गेट पर भी ताला जड़ा गया। भौतिकी, रसायन, जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, मनोविज्ञान सहित अन्य विभागों को भी बंद कराया। दोपहर तीन बजे के बाद प्राचार्य एवं कॉलेज के अन्य शिक्षकों के आश्वासन के बाद छात्रों का प्रदर्शन समाप्त हुआ। छात्रों ने पूर्वी छात्रावास के अधीक्षक प्रो. वीरेंद्र मिश्रा एवं सेक्शन अफसर अमरेंद्र झा के विरुद्ध गो बैक के नारे लगाए। कॉलेज में कुत्ता लाकर गुस्से का इजहार किया गया। विद्यार्थी परिषद के जिला संगठन मंत्री हिमांशु ने आम छात्रों के साथ पूर्वी छात्रावास के अधीक्षक पर अमर्यादित व्यवहार करने का आरोप लगाया। छात्रों ने कॉलेज में बेहतर व्यवस्था बनाने की मांग की। संगठन मंत्री ने कहा कि विवि एवं कॉलेज में छात्रों का शोषण हो रहा है। पेंडिंग रिजल्ट के नाम पर छात्रों को परेशान किया जाता है। आंदोलन का नेतृत्व कॉलेज अध्यक्ष ऋतुराज ने किया। कॉलेज में सीसीटीवी कैमरा लगाने, स्टेडियम में हाइमास्क लाइट लगाने, कॉलेज परिसर को वाइफाइ से जोड़ने, छात्र-छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने सहित 11 मांगों को लेकर कॉलेज को बंद कराया गया। प्राचार्य प्रो. डीएन झा, शिक्षक प्रो. ज्योतिंद्र चौधरी, प्रो. फारुक अली आदि ने छात्रों को समझा बुझा कर शांत कराया। छात्रावास अधीक्षक पर लगे आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन कर 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद छात्रावास अधीक्षक पर निर्णय लिया जाएगा। दूसरी ओर छात्रावास अधीक्षक ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया है। विद्यार्थी परिषद की ओर से आंदोलन में आशीष सिंह, चंद्रप्रकाश, प्रभु प्रिंस, ऋतुराज, सौरभ झा सहित अन्य नेताओं ने भाग लिया। मांगों की पूर्ति नहीं होने पर आंदोलन को तेज करने का एलान किया गया है। छात्रों ने कॉलेज में चल रहे पार्ट वन के मूल्यांकन कार्य को भी बाधित किया। प्रशासनिक भवन जाकर सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों को बाहर कर दिया। सभी कक्षाओं को ठप कर दिया गया। एक हजार से अधिक छात्रों की कक्षाएं आंदोलन के कारण बाधित हुई। सेक्शन अफसर को भी कक्ष से बाहर कर दिया गया। कुर्सी को बाहर फेंक दिया गया।