पापा की उम्र के 500 परीक्षार्थी
रूप कुमार,भागलपुर: यूं तो पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है। लेकिन मैट्रिक की परीक्षा में आम तौर पर 14
रूप कुमार,भागलपुर: यूं तो पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है। लेकिन मैट्रिक की परीक्षा में आम तौर पर 14 से 15 साल के छात्र शामिल होते हैं। लेकिन इनकी भीड़ में 35 साल के परीक्षार्थी भी परीक्षा दे रहे हैं। ऐसे कई परीक्षार्थी विभाग के लिए सिरदर्द बन गए हैं। पिता- पुत्र के उम्र के अंतर से से महकमे में बेचैनी छाई हुई है। उम्र का यह अंतर शिक्षा विभाग को परेशान किए हुए है। ऊपर से नाथनगर में अधिक उम्र वाले एक फर्जी परीक्षार्थी के पकड़ में आने के बाद तो विभाग ने हाइअलर्ट कर दिया है। अधिक उम्र वाले सभी परीक्षार्थियों पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया गया है। कहा गया है कि इनके चेहरे को विशेष रूप से प्रवेश पत्र में चिपकी फोटो से मिलाई जाए। बरारी हाइस्कूल में परीक्षा दे रहे दो परीक्षार्थियों के चेहरे एवं प्रवेश पत्र के चेहरे का पूरी तरह से मिलान नहीं होने पर विभाग ने इसकी पड़ताल शुरू कर दी है। ममलखा के दोनों परीक्षार्थियों को अपने यहां के स्कूल प्रधान से आवेदन को अग्रसारित करा कर लाने को कहा गया है। कई महिला परीक्षार्थियों की उम्र पर भी नजर रखी जा रही है। शिक्षा विभाग का कहना है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा ही ऐसे उम्रदराज परीक्षार्थियों को प्रवेश पत्र जारी किया गया है। लेकिन इस पर नजर रखी जा रही है। अधिकांश उम्रदराज परीक्षार्थियों का संबंध प्राइवेट स्कूलों से है। जिले के सिर्फ प्राइवेट स्कूलों से इस बार करीब 1 हजार परीक्षार्थियों ने परीक्षा फॉर्म भरा है। मैट्रिक की परीक्षा के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 14 वर्ष है। अधिकतम का कोई नियम नहीं है। लेकिन उम्रदराज परीक्षार्थी परीक्षा देते समय भी विभाग के रडार पर हैं। कई परीक्षा केंद्रों पर 30 एवं 35 साल के परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे हैं। डीइओ फूल बाबू चौधरी ने मंगलवार को अपने निरीक्षण में ऐसे कई परीक्षार्थियों से परीक्षा केंद्र पर पूछताछ की।
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'' उम्रदराज परीक्षार्थियों की संख्या करीब 500 के करीब होगी। ऐसे परीक्षार्थियों पर पैनी नजर रखी जा रही है। बोर्ड के द्वारा ऐसे परीक्षार्थियों को प्रवेश पत्र जारी किया गया है। इस मामले में बोर्ड से बात की जाएगी। फिलहाल प्रवेश पत्र एवं चेहरे से मिलान का निर्देश दिया गया है।
फूल बाबू चौधरी डीइओ भागलपुर