किडनी का शत्रु है डायबिटीज
जासं, भागलपुर : देश में किडनी रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारत में प्रत्येक दस में से एक व्
जासं, भागलपुर : देश में किडनी रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारत में प्रत्येक दस में से एक व्यक्ति किसी न किसी रूप में किडनी संबंधी रोग से ग्रसित है। डायबिटीज इसका सबसे प्रमुख शत्रु है। उक्त बातें नेवतिया अस्पताल सिलीगुड़ी से आए किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश कुमार ने कही।
आइएमए हॉल में किडनी विषय पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि किडनी का काम हमारे शरीर से रक्त में एकत्रित हुई गंदगी हटाने और पानी व मिनरल्स के संतुलन को बनाए रखना है। शरीर के इस काम में अक्षमता ही किडनी फेल्योर कहलाती है। चेहरे, पैर व आंखों के चारों तरफ सूजन, भूख कम लगना, कमजोरी, उल्टी, थकान, कम उम्र में उच्च व अनियंत्रित रक्तचाप, कमर व पसलियों के निचले हिस्से में दर्द आदि किडनी रोग के लक्षण है। इस तरह के लक्षण सामने आने पर तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से मिलकर इलाज कराएं।
डॉ. राजेश के मुताबिक क्रोनिक किडनी की बीमारी किसी भी इलाज से ठीक नहीं हो सकती है। केवल डायलिसिस व किडनी प्रत्यारोपण ही उक्त बीमारी का उपचार है। किडनी से जुड़ी बीमारियों में अलग-अलग तरह के डायलिसिस होते हैं। डायलिसिस व किडनी प्रत्यारोपण महंगा उपचार है इसलिए पांच-दस फीसद मरीज ही इलाज करा पाते हैं। इसका एकमात्र व सर्वोतम रास्ता किडनी बीमारियों की रोकथाम है। डायबिटीज, उक्त रक्तचाप, मोटापा पर नियंत्रण रखकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। तंबाकू व धूम्रपान छोड़ना सबसे जरूरी है।