27 हजार स्कूलों में हेडमास्टर तक नहीं
जागरण संवाददाता,भागलपुर: शिक्षक संघ ने सुशासन की सरकार पर प्राथमिक शिक्षा को चौपट करने का आरोप लगाया
जागरण संवाददाता,भागलपुर: शिक्षक संघ ने सुशासन की सरकार पर प्राथमिक शिक्षा को चौपट करने का आरोप लगाया है। शनिवार को भागलपुर पहुंचे प्राथमिक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल सिंह एवं प्रदेश महासचिव महेंद्र प्रसाद शाही ने कहा कि बिहार में प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता गायब हो चुकी है। शिक्षकों को पढ़ाई के बदले सरकारी योजनाओं में लगा दिया जाता है। 37 हजार मध्य विद्यालय में से 27 हजार मध्य विद्यालयों में स्कूल प्रधान नहीं हैं। 57 हजार प्राथमिक स्कूलों में स्कूल प्रधान का पद सृजित नहीं किया गया है। शिक्षक संघ के नेता द्वय ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई का सिलेबस शिक्षक नहीं बल्कि कॉलेज के प्रोफेसर तैयार करते हैं। मुखिया को नियोजन का अधिकार देकर शिक्षक एवं शिक्षा को बर्बाद करने की व्यवस्था कर दी गई है। नेता द्वय ने कहा कि 365 दिन में शिक्षक 170 दिन बालगणना से लेकर अन्य सरकारी कार्यो में लगे रहते हैं। ऐसे में स्कूलों में पढ़ाई कैसे चल रही इसका अंदाजा खुद से लगाया जा सकता है। शिक्षक संघ के स्थानीय नेता राणा कुमार झा ने आगत अतिथियों का भव्य स्वागत किया। शिक्षक संघ के नेताओं का कहना था कि नियोजित शिक्षकों को चालक का भी वेतन नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में गुणवत्ता की बात करना बेमानी है। लेकिन आज शिक्षकों के समक्ष गुणवत्ता लाने की चुनौती है। 2015 को गुणवत्ता का वर्ष मानते हुए स्कूलों में फिर से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बहाली का शिक्षक संघ के नेताओं ने एलान किया है। शिक्षकों से आह्वान किया गया है कि वो आधुनिक टीचिंग प्रणाली का अनुशरण करें। नेताओं ने नीतीश कुमार एवं जीतनराम मांझी दोनों पर प्राथमिक शिक्षा की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया। स्कूलों में छह माह किताबों की आपूर्ति होती है।