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सामाजिक चुनौतियों का सामना करने के लिए बालिका शिक्षा जरूरी

जागरण संवाददाता, भागलपुर : नाथनगर स्थिति गणपतराय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर में सोमवार को दो दि

By Edited By: Published: Mon, 09 Feb 2015 11:19 PM (IST)Updated: Mon, 09 Feb 2015 11:19 PM (IST)
सामाजिक चुनौतियों का सामना करने के लिए बालिका शिक्षा जरूरी

जागरण संवाददाता, भागलपुर : नाथनगर स्थिति गणपतराय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर में सोमवार को दो दिवसीय प्रांतीय बालिका शिक्षा कार्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। भारती शिक्षा समिति के सह सचिव प्रकाश चंद्र जायसवाल ने कहा, बालिका शिक्षा के विकास के लिए विद्या भारती निरंतर प्रयत्‍‌नशील है। शिक्षा का अर्थ केवल एबीसी ही सीखना नहीं है, अपितु उन्हें जीवन मूल्यों पर आधारित व्यवहारिक शिक्षा प्रदान करना वर्तमान समय की आवश्यकता है। इस अवसर पर अखिल भारतीय बालिका शिक्षा के सह संयोजिका रेखा चूड़ा समां ने कहा कि एक अच्छी मां या पत्‍ि‌न बनने के लिए भावी पीढ़ी को संस्कारित करने, राष्ट्र के विकास, सृष्टि व समाज को सम्यक रूप से संचालन करने के लिए बालिका शिक्षा आवश्यक है। समाज में पुरुष व स्त्री एक समान नहीं बल्कि एक दूसरे के पूरक होना चाहिए। शिक्षा के द्वारा सहनशीलता, प्रेम, उदारता व सामांजस्य के भाव का विकास होना चाहिए। उचित मार्ग दर्शन की जरुरत है। बालिका कल की माता और जैसी मां, वैसी संतान, जैसी संतान वैसे नागरिक, जैसा नागरिक, वैसा राष्ट्र। भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाने और सामाजिक चुनौतियों का सामना करने के लिए बालिका शिक्षा जरुरी है। इस मौके पर कीर्ति रश्मि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।


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