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'डिमोट' हुए नौ कर्मियों का कटा वेतन

जागरण संवाददाता, भागलपुर : भागलपुर जिले में विभागीय कार्यवाही के बाद नौ कर्मियों को दंड मिली है। इन्

By Edited By: Published: Sat, 20 Dec 2014 02:14 AM (IST)Updated: Sat, 20 Dec 2014 02:14 AM (IST)
'डिमोट' हुए नौ कर्मियों का कटा वेतन

जागरण संवाददाता, भागलपुर : भागलपुर जिले में विभागीय कार्यवाही के बाद नौ कर्मियों को दंड मिली है। इन्हें वर्तमान पद से नीचे (डिमोट या पदावनत) कर दिया गया है। आर्थिक दंड के तहत इनकी वेतनवृद्धि भी काटी गई है। अब सेवानिवृति तक इन्हें प्रोन्नति का लाभ नहीं मिलेगा। वेतनवृद्धि कटने के कारण दो से दस हजार रुपए प्रतिमाह का नुकसान हुआ है। ये कर्मी प्रखंड, अंचल और जिला मुख्यालय के हैं। इन पर पिछले दो वर्षों से विभागीय कार्यवाही चल रही थी। कार्यवाही पूरी होने के बाद जिला पदाधिकारी डॉ. वीरेंद्र प्रसाद यादव ने

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सिस्टम में सुधार प्रक्रिया के तहत आदेश जारी किया है।

-अरूण वर्मन, लिपिक, संप्रति प्रखंड कार्यालय, नाथनगर। उच्चाधिकारी के आदेश की अवहेलना पर आरोप पत्र गठित करते हुए इन्हें निलंबित किया गया था। ये दो बार निलंबित हुए हैं। गठित पांच आरोपों में चार आरोप प्रमाणित पाया गया। इन्हें मूल कोटि पद पर कालमान वेतन के न्यूनतम स्तर पर अवनति किया गया है।

-नवल किशोर दास, तत्कालीन लिपिक, अंचल कार्यालय, सुल्तानगंज, वर्तमान पदस्थापन, अंचल कार्यालय, बिहपुर। दास पर बर्खास्त चौकीदार के सेवापुस्त में बर्खास्तगी आदेश की प्रविष्टि नहीं करने एवं बर्खास्त चौकीदार का सेवांत लाभों की निकासी हेतु विपत्र तैयार करने के आरोप में प्रपत्र-क का गठन किया गया था। इन्हें मूल कोटि पद कालमान वेतन के न्यूनतम स्तर पर अवनति किया गया है।

-जगदीश्वर प्रसाद सिंह, लिपिक, प्रखंड कार्यालय, सन्हौला। सिंह पर बिना अवकाश स्वीकृत कराये मुख्यालय से बाहर रहने और आरटीपीएस के एक्सपायर आवेदनों पर स्पष्टीकरण पूछने पर जवाब नहीं दिया गया। सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारियों को प्रपत्र-5 निर्गत नहीं करने को लेकर आरोप पत्र गठित किया गया है। संचालन पदाधिकारी ने दो आरोप को प्रमाणित पाया है। इन्हें मूल कोटि पद कालमान वेतन के न्यूनतम स्तर पर अवनति किया गया।

-सरला कुमारी, जनसेविका, प्रखंड कार्यालय, सुल्तानगंज। सरला पर इंदिरा आवास के चयन में अनियमितता, प्रतीक्षा सूची के लाभुकों का क्रम तोड़ने, जांच पदाधिकारी के समक्ष अभिलेख उपस्थाथित नहीं करने, इंदिरा आवास के आवंटन में अनियमितता बरतने व जांच हेतु कागजात उपलब्ध नहीं कराने पर आरोप पर गठित किया गया था। इन्हें मूल कोटि पद कालमान वेतन के न्यूनतम स्तर पर अवनति किया गया।

-मनोज दास, प्रधान लिपिक, प्रखंड कार्यालय, सुल्तानगंज। इन पर इंदिरा आवास के आवंटन में अनियमितता बरतने, प्रतीक्षा सूची के क्रम को तोड़ने, जांच पदाधिकारी को अभिलेख नहीं दिखाने एवं अवैध राशि की वसूली करने को लेकर आरोप पत्र का गठन किया गया था। दास को तीन वेतनवृद्धि संचयात्मक प्रभाव से अवरुद्ध करने का दंड दिया गया है।

-इंदुभूषण प्रसाद सिंह, तत्कालीन लिपिक, प्रखंड कार्यालय, गोपालपुर वर्तमान पदस्थापन अनुमंडल कार्यालय, सदर। इंदिरा आवास में घोटाला एवं आपराधिक मुकदमा के कारण मूल कोटि पद कालमान वेतन के न्यूनतम स्तर पर अवनति किया गया है।

-निर्मल कुमार निराला, तत्कालीन लिपिक, अनुमंडल कार्यालय, नवगछिया, वर्तमान पदस्थापन प्रखंड, सन्हौला। हत्या के आरोप में जेल चले जाने के कारण निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही चलाया गया। इन्हें सजा के रूप में दस वेतनवृद्धि संचयात्मक प्रभाव से अवरुद्ध करने का दंड दिया गया है।

-रईश आलम, निलंबित कार्यालय परिचारी। लोकसभा निर्वाचन-2014 के कार्यों में शिथिलता बरतने के आरोप में दो वेतनवृद्धि संचयात्मक प्रभाव से अवरुद्ध करते हुए निलंबन से मुक्त किया गया।

-श्रीमती कांता मंडल, लिपिक, सामान्य शाखा। वरीय पदाधिकारी व कर्मचारी को लक्षित करने, असंसदीय भाषा का प्रयोग करने के आरोप में पांच वेतनवृद्धि संचयात्मक प्रभाव से अवरुद्ध करने का दंड दिया गया है।


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