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एजुकेशन एवं लाइब्रेरी साइंस में भी रिसर्च को मिली मंजूरी

जागरण संवाददाता,भागलपुर: विवि ने शुक्रवार को एजुकेशन एवं लाइब्रेरी साइंस में भी रिसर्च को मंजूरी दे

By Edited By: Published: Sat, 20 Dec 2014 01:55 AM (IST)Updated: Sat, 20 Dec 2014 01:55 AM (IST)
एजुकेशन एवं लाइब्रेरी साइंस में भी रिसर्च को मिली मंजूरी

जागरण संवाददाता,भागलपुर: विवि ने शुक्रवार को एजुकेशन एवं लाइब्रेरी साइंस में भी रिसर्च को मंजूरी दे दी है। इन दोनों संकाय में रिसर्च का काम बंद था। पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च कमेटी की घंटों चली बैठक में कुलपति प्रो. रमाशंकर दुबे ने कहा कि किसी भी विवि की पहचान उसकी पढ़ाई के साथ- साथ शोध कार्य से होती है। उन्होंने शोध कार्य को बढ़ावा देने पर बल दिया। राजभवन के गाइड लाइन को पूरी तरह से पीएचडी में लागू कर दिया गया है। विदेशी एवं एनआरआइ छात्रों के शोध का शुल्क भी निर्धारित कर दिया गया है। पहले शोध का शुल्क निर्धारित नहीं था। रिसर्च मेथर्डलॉजी करने वाले छात्रों को 2 हजार रुपये की फी लगेगी। छह माह के इस कोर्स को करने के बाद ही अब पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन हो पाएगा। इस कोर्स को करने वाले छात्रों की ग्रेडिंग की जाएगी। विभाग के द्वारा ही ग्रेडिंग की जाएगी। ए से लेकर सी तक को पास माना जाएगा। जबकि डी को फेल कर दिया जाएगा। शुक्रवार को कॉमर्स के सभी 20 सिनाप्पिस को पास कर दिया गया है।

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रिसर्च मेथर्डलॉजी के लिए बनेगा प्रारूप

रिसर्च मेथर्डलॉजी करने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा। विवि द्वारा इसका प्रारूप जल्द ही तैयार कर विभाग को भेज दिया जाएगा।

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'' एजुकेशन एवं लाइब्रेरी साइंस में शिक्षक की कमी के चलते शोध का काम नहीं हो रहा था। लेकिन अब दोनों विभागों में शोध का काम शुरू होगा। शोध को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है। जहां टीचर नहीं हैं वहां कोगाइड से काम चलाया जाएगा।

प्रो. रमाशंकर दुबे कुलपति टीएमबीयू


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