शिक्षा मंत्री तक पहुंचा आरडीडीइ व कर्मचारियों का विवाद
जागरण संवाददाता, भागलपुर : क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक (आरडीडीइ) एवं कर्मचारियों के बीच का विवाद अब शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल तक पहुंच गया है। बिहार अनुसचिवीय कर्मचारी संघ ने मंगलवार को वृषिण पटेल से मिलकर उन्हें आरडीडीइ के खिलाफ चल रहे कर्मचारियों के आंदोलन की जानकारी देते हुए दस दिनों के अंदर तबादला करने की मांग की। शिक्षक नेताओं के अनुसार शिक्षा मंत्री ने निदेशक प्रशासन को शिकायतों की संचिका बनाकर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। पटना गए दल में राजन तिवारी, अश्रि्वनी अवस्थी, शैलू आनंद, पंकज कुमार झा, विजय कुमार चौधरी आदि शामिल हैं।
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कर्मचारियों के पक्ष में खड़े हुए जनप्रतिनिधि
कर्मचारियों के पक्ष में उतरे कहलगांव के विधायक सदानंद सिंह ने बताया कि कर्मचारियों की हड़ताल से जिले भर की शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर गई है। आरडीडीइ का रवैया निंदनीय है। इस वजह से उन्होंने शिक्षा मंत्री व प्रधान सचिव से मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है।
भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा ने भी शिक्षकों के साथ शिक्षा मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने भी आरडीडीइ को हटाने की मांग की। श्री शर्मा ने बताया कि उपनिदेशक राधे प्रसाद की शिकायत कई माह से आ रही है। वे कर्मचारियों से असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हैं जो सर्वथा अनुचित है। उन्होंने शिक्षा मंत्री से मिलकर मांग की है कि यदि प्रसाद का रवैया नहीं सुधरता है तो उन्हें भागलपुर से स्थानांतरित करें।
सांसद बुलो मंडल ने भी मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी व प्रधान सचिव को फैक्स भेजकर आरडीडीइ पर कार्रवाई की मांग की है। कर्मचारियों के समर्थन में राष्ट्रीय अनुसचिवीय कर्मचारी संघ व बिहार अनुसचिवीय कर्मचारी संघ भी उतर चुका है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मंजुल कुमार दास व बिहार प्रदेश के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने भी मंगलवार को शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल से मुलाकात कर कहा कि अगर आरडीडीइ पर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन तेज किया जाएगा। बुधवार को संघ के नेता प्रधान सचिव आरके महाजन से भी मिलेंगे। सुल्तानगंज के विधायक सुबोध राय पहले ही मुख्यमंत्री को फैक्स भेजकर आरडीडीइ पर कार्रवाई की मांग कर चुके हैं।
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विरोध में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने सवाल खड़ा किया है कि जब कर्मी हड़ताल पर हैं तो फिर कार्यालय खोलकर क्यों प्रतिदिन हस्ताक्षर करते हैं? जबकि कलमबंद हड़ताल एक दिन का होता है।
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काम में कोताही बर्दाश्त नहीं करेंगे
आरडीडीइ राधे प्रसाद ने कहा कि वे काम में कोताही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। कार्यालय आने का समय निश्चित होता है, जाने का नहीं। काम में लापरवाही बरतने पर कार्रवाई करना ही कर्मचारियों के हड़ताल का मुख्य कारण है। कर्मचारी चाहते हैं कि कार्यालय उनके हिसाब से चले। लेकिन, मेरे रहते ऐसा संभव नहीं है। सब के लिए नियम कानून है और सरकारी नीति के मुताबिक ही कार्यालय चलेगा।