सुपौल में एक्सपायरी दवाओं से भरे हैं स्टोर
सुपौल: सासद रंजीत रंजन द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सरायगढ़ भपटियाही के औचक निरीक्षण के क्रम में आउटडोर से लेकर आपातकाल तक काफी अधिक मात्रा में एक्सपायरी दवाएं पाई गईं। सासद को भी निरीक्षण के दौरान भी डॉक्टरों से साफगोयी से कुछ नहीं कहा। सासद ने दवाओं की सूची सिविल सर्जन से बनवाते हुए कहा कि इसकी जाच करवायी जायेगी और जाच के क्रम में जो दोषी पाये
जायेंगे उन पर कार्रवाई की अनुशसा की जायेगी। ऐसा नहीं कि ये मामले सरायगढ़ के ही हैं, शनिवार की रात में ही सासद ने जिले के त्रिवेणीगंज अस्पताल का भी निरीक्षण किया और वहा भी आउटडोर व स्टोर में एक्सपायरी दवायें पाई गईं।
देसी चिकित्सक लिखते हैं अंग्रेजी की दवा: ये तो विडंबना ही है कि सरकारी अस्पतालों में पदस्थापित देसी चिकित्सकों द्वारा
भी अंग्रेजी पद्धति से इलाज किया जा रहा है। मरीजों की अच्छी खासी तादाद सरकारी अस्पतालों में होती है और ये चिकित्सक धड़ल्ले उन्हें अंग्रेजी की दवा लिख डालते हैं। कारण अंग्रेजी दवाओं की आपूर्ति तो भरपूर मात्रा में अस्पतालों में की जा रही है लेकिन यूनानी अथवा होमियोपैथ की दवा की आपूर्ति शायद ही कभी हो पाती है। ऐसे में नतीजे की कल्पना तो सहज की जा सकती है।
दवाओं का नहीं रखा जा रहा ख्याल: दवा देखने की फुर्सत शायद किसी को नहीं हो पा रही। लगातार न तो दवाओं की सूची देखी जाती है और न ही इसे चेक किया जाता है। यही कारण है कि कुछ दिन पूर्व
त्रिवेणीगंज में काफी मात्रा में सही दवा को कचरे में फेक कर जला दिया गया था जिसमें संबंधित कर्मी को निलंबित कर दिया गया था। यही कारण है कि चिकित्सक भी जाच के दौरान विभागीय कर्मी से दवा की उपलब्धता पूछकर ही दवा लिखा करते हैं। इस संबंध में सुपौल के सिविल सर्जन उमाशकर मधुप ने बताया कि सासद को आउटडोर व आपात काल के जाच के क्रम में नौ किस्म की दवायें एक्सापाइरी मिली। स्टोर तत्काल सील कर दिया गया है। जाच के बाद ही सही स्थिति का आकलन किया जा सकता है और जो इसमें दोषी पाये जायेंगे उनपर कार्रवाई की जायेगी।