लखीसराय में मां समेत जिंदा जले तीन मासूम
लखीसराय : पिपरिया प्रखंड की सैदपुरा पंचायत के सुरजीचक गांव में मंगलवार की दोपहर भीषण अग्निकांड हुआ। इसमें मां सहित तीन मासूम जिंदा जल गए। 50 घर भी जलकर राख हो गए। अग्निकांड में लाखों की क्षति होने का अनुमान है।ग्रामीणों के अनुसार ब्रहमदेव चौधरी के घर के बगल में रखी कास (एक प्रकार की घास) के बोझ में अचानक आग लग गई। हवा तेज रहने के कारण आग की लपटों ने विकराल रूप ले लिया। पूरे गांव को चपेट में लिया। लोग जान बचाने के लिए अपने घरों से भागने लगे। उमेश चौधरी की पत्नी बुदनी देवी (38) अपने तीन मासूम बच्चों पुत्र दिलखुश (5), बेटियों चांदनी एवं छह माह की बॉबी के साथ घर में सोई थी। वह घर से निकल नहीं सकी। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि उमेश के मिट्टी के घर का फूस एवं खपड़े का छप्पर जलकर उसके ऊपर गिर गया। सभी सोई अवस्था में ही जलकर राख हो गए। गांव में 80 घर हैं। इनमें 50 घर आग से जल गए। 10 घरों को आंशिक क्षति हुई है। भरत राम के घर में रखे 50 हजार रुपये नकद, 20 मन गेहूं व 10 मन चना सहित लाखों रुपये मूल्य के सामान जलकर राख हो गए। अग्निकांड में नकदी, आभूषण, बर्तन, कपड़ा सहित भारी मात्रा में खाद्यान्न व पशु चारा जलकर राख हो गया। घटना की सूचना प्रशासन को मिलने के बाद दो मिनी दमकल एवं एक बड़ा दमकल वाहन पहुंचे। लेकिन सरकारी इंतजाम पर्याप्त नहीं रहने तथा घटना के घंटों बाद भी पूरी तरह आग नहीं बुझाने को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश पनप गया। बच्चे, बड़े, युवक, युवतियां, महिलाएं सभी चापाकल व मोटर पंप से पानी भरकर खुद आग बुझाने में लगे रहे। पिपरिया की बीडीओ सुनीता कुमारी सिन्हा, सीओ रविशंकर, सूर्यगढ़ा थानाध्यक्ष विजय कुमार रमण, लखीसराय थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह कैंप कर अग्निकांड में जले घरों में रखे खाद्यान्न व भूसे में लगी आग को बुझाने में देर शाम तक जुटे रहे। देर शाम तक सरकारी स्तर पर पीड़ितों की न तो सूची तैयार की गई और न ही कोई सरकारी राहत का इंतजाम शुरू किया गया।