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कक्षा में रिमोट दबाकर प्रतिभा दिखाएंगे छात्र

By Edited By: Published: Tue, 08 Apr 2014 12:48 AM (IST)Updated: Tue, 08 Apr 2014 12:48 AM (IST)
कक्षा में रिमोट दबाकर प्रतिभा दिखाएंगे छात्र

राजीव रंजन, भागलपुर : एक जमाना था, जब बच्चों की प्रतिभा का मूल्यांकन उनकी स्मरण शक्ति, हाजिर जवाबी और वाकपटुता से होता था। अब यही काम वे रिमोट का बटन दबाकर करेंगे। जी हां, आपने देखा होगा कि जब कौन बनेगा करोड़पति सीरियल में अमिताभ बच्चन ऑडियंस से प्रश्न पूछते हैं तो ऑडियंस अपने हाथों में मौजूद रिमोट का बटन दबाकर जवाब देती है। ठीक इसी तर्ज पर क्लास रूम में बैठे छात्र अब समूह में असेसमेंट डिवाइस का बटन दबाकर वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर देंगे। सीमित समय में छात्रों की प्रतिभाओं का मूल्यांकन करने की यह तकनीक बिहार में सर्वप्रथम भागलपुर में डीएवी पब्लिक स्कूल ने लांच की है।

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स्कूल के प्राचार्य नीरज कुमार सिंह ने बताया कि छात्रों के बहुमुखी विकास के लिए चार चरणों में मूल्यांकन जरूरी होता है। वस्तुनिष्ठ, मौखिक, लिखित और शारीरिक प्रतियोगिता। मगर अब इस कड़ी में असेसमेंट डिवाइस भी जुड़ गई है। इसके माध्यम से छात्रों की प्रतिभा ही नहीं बल्कि शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके की जांच भी हो जाएगी। यानी आंक लिया जाएगा कि शिक्षक वाकई बच्चों को पढ़ाने में सक्षम है या नहीं।

गौरतलब है कि सीबीएसई बोर्ड अपने छात्रों के सतत मूल्यांकन के लिए अपने स्कूलों के प्रबंधनों को लगातार प्रेरित करता रहता है। इसके लिए आए दिनों बोर्ड के स्कूलों में प्रश्नोत्तरी, भाषण एवं खेलकूद प्रतियोगिताएं होती रहती हैं। किंतु असेसमेंट डिवाइस के लांच होने से अब शिक्षक वर्ष पर्यत अपने छात्रों की मूल्यांकन रिपोर्ट कंप्यूटर में सुरक्षित रख सकेंगे।

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इनसेट-

क्या है असेसमेंट डिवाइस

इसका पूरा नाम मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन असेसमेंट डिवाइस है। इसका प्रयोग इंग्लैंड में अधिक होता है। डीएवी स्कूल में यह डिवाइस अंबाला से मंगाई गई है। डिवाइस के ऊपरी हिस्से में क्रमवार चार बटन हैं - ट्रू, यस, फाल्स और नो ऑप्शन के। दूसरे भाग में ए, बी, सी और डी बटन हैं। तीसरे भाग में एक से दस अंकों के बटन मौजूद हैं। ताकि छात्र वैकल्पिक उत्तर देने के दौरान इन बटनों का प्रयोग कर सकें। प्राचार्य के मुताबिक रिमोट कंप्यूटर के जरिए स्मार्ट बोर्ड से लिंकअप रहता है। ऐसे में जब स्मार्ट बोर्ड पर प्रश्न उभरेगा तो उसका जवाब छात्र बटन दबाकर देंगे। तत्पश्चात छात्रों का जवाब कंप्यूटर में सुरक्षित रखने के लिए सबकी अलग-अलग पहचान संख्या होगी।

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फर्क क्या पड़ेगा :

1. छात्रों का होगा आइ क्यू टेस्ट

2. छात्रों और शिक्षकों दोनों का हो जाएगा कांसेप्ट चेक

3. जवाब देने की गति होगी रिकॉर्ड

4. छात्रों के पठन-पाठन पर होगी शिक्षकों की पकड़

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