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एक साल में तैयार होगा मेगा फूड पार्क

By Edited By: Published: Wed, 02 Apr 2014 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 02 Apr 2014 01:00 AM (IST)
एक साल में तैयार होगा मेगा फूड पार्क

रामप्रकाश गुप्ता, भागलपुर : जिले में मेगा फूड पार्क स्थापित होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। एक साल में मेगा फूड पार्क से उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा। फूड पार्क के लिए एकचारी स्टेशन के समीप प्रमोटरों ने निजी तौर पर जमीन की व्यवस्था की है। 52 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री और 80 एकड़ जमीन का एग्रीमेंट हो गया है। चुनाव के बाद जमीन पर आधारभूत संरचना का काम शुरू होगा।

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दरअसल भारत सरकार ने शर्त रखी थी कि 50 एकड़ जमीन उपलब्ध होने के बाद ही हरी झंडी दी जाएगी। प्रमोटरों ने 31 मार्च को भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय को जमीन की रजिस्ट्री की सूचना देकर आगे के कार्य के लिए सहमति प्राप्त कर ली है।

केवेंटर मेगा फूड पार्क के निदेशक सह शक्ति सुधा समूह के एमडी सत्यजीत सिंह ने 'जागरण' से कहा कि बिहार सरकार ने कहलगांव के बियाडा में जमीन देने के बदले अग्रिम के रूप में 30 फीसद राशि एक करोड़ 97 लाख ली थी। इसे वापस कर दिया गया है। जमीन पर कब्जा मिलने के बाद शेष 70 फीसद राशि देने की शर्त थी। अब चूंकि सरकार जमीन नहीं दिला सकी इसलिए शेष राशि का भुगतान नहीं किया गया। सिंह ने कहा कि मेगा फूड की स्थापना से भागलपुर का कायाकल्प हो जाएगा। किसानों को उनके कृषि उत्पादों का वाजिब मूल्य मिलेगा। जिनकी जमीन ली गई है उन्हें रोजगार भी मिलेगा। इससे क्षेत्र का औद्योगिक विकास होगा। मेगा फूड पार्क में देश की नामी आधा दर्जन से अधिक कंपनियां उद्योग लगाएंगी।

गौरतलब है कि तीन वर्ष पहले भारत सरकार ने भागलपुर सहित देश के पांच स्थानों के लिए मेगा फूड पार्क की स्वीकृति दी थी।

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लगेगा अपना बिजली प्लांट

प्रमोटर ने बताया कि बिजली के लिए अपना प्लांट लगाया जाएगा। कोयले के लिंक के लिए भी बातचीत हो गई है। फूड पार्क परिसर में बिजली की जितनी आवश्यकता होगी, उतना उत्पादन किया जाएगा। इसके लिए 20 एकड़ जमीन रखी गई है।

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जमीन के म्यूटेशन व लैंड ट्रांसफर की प्रक्रिया जारी

रजिस्ट्री होने के बाद जमीन का म्यूटेशन कराने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। यह कृषि भूमि है। इसे औद्योगिक भूमि में बदलने की औपचारिकता पूरी की जाएगी। इसके लिए कंपनी प्रमंडलीय आयुक्त मिन्हाज आलम की मदद लेगी। रजिस्ट्री होने के बाद जमीन की चारदीवारी की जाएगी।

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कोट-

सभी अड़चनें दूर हो गई हैं। अब सिर्फ काम करना है। सरकार व प्रशासन ने जो सहयोग दिया है उसके लिए पार्क के सभी प्रमोटर आभारी हैं।

सत्यजीत सिंह, अध्यक्ष, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स, बिहार

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कोट-

हमारा संगठन लगातार इस प्रयास में था कि पार्क की स्थापना हो। उम्मीद है कि पार्क की स्थापना से यहां के कृषि उत्पादों का औद्योगिक उपयोग हो सकेगा।

मुकुटधारी अग्रवाल, अध्यक्ष, ईस्टर्न बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन


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