लोकसभा चुनाव के पहले पिछड़ा व अतिपिछड़ा को झटका
राम प्रकाश गुप्ता, भागलपुर : लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश सरकार ने विपक्ष को बड़ा मुद्दा दे दिया है। राज्य सरकार ने पिछड़ा व अतिपिछड़ा वर्ग को तगड़ा झटका दिया है। चालू वित्तीय वर्ष से इन दोनों वर्गों के वैसे बच्चे जो कल्याण विभाग की सरकारी सहायता (प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति) से राज्य के बाहर तकनीकी और उच्च शिक्षा ले रहे थे, उनको राशि (छात्रवृत्ति) नहीं देने का सरकार ने निर्णय लिया है। जो बच्चे छात्रवृत्ति की राशि लेकर पहले से पढ़ रहे हैं उनका नवीकरण भी नहीं होगा। पिछले साल इन दोनों वर्गों को छात्रवृत्ति देने की प्राथमिकता सूची में सबसे नीचे रखा गया था। सरकार ने यह नया आदेश दो दिन पूर्व जारी किया है।
सरकार के उप सचिव ददन प्रसाद ने इसकी पुष्टि की है और कहा कि अब दोनों वर्गों के बाहर पढ़ने वाले बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। इसके साथ ही बिहार में अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए यह शर्त रख दी है कि गत परीक्षा में उन्हें प्रथम श्रेणी (60 फीसद अंक) होना जरूरी है। इस आदेश से भागलपुर के करीब हजारों बच्चों को झटका लगा है जो अभी तक इसका लाभ ले रहे थे। गत वर्ष इस मद में 5 करोड़ 16 लाख का आवंटन मिला था।
अब इनका आवेदन नवीकरण नहीं होगा, न ही इस वर्ग से आने वाले बच्चे भविष्य में लाभान्वित होंगे। भागलपुर के बच्चे देश के विभिन्न संस्थानों में इंजीनियरिंग, मेडिकल व एमबीए की पढ़ाई कर रहे हैं। गरीब अभिभावक इसी उम्मीद पर बच्चों को पढ़ाते हैं कि सरकार से सहायता मिल जाएगी तो उन्हें पढ़ाने का खर्च वहन नहीं करना पड़ेगा। अब उन बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया जिनकी पढ़ाई अभी पूरी नहीं हुई है। नियम यह था कि संस्थान पढ़ाई के खर्च का डिमांड करती है। उस डिमांड के आधार पर चेक भेजा जाता है।
अब किसे क्या मिलेगी सहायता
-राज्य के अधीन सरकारी, अंगीभूत, मान्यता प्राप्त विभिन्न प्लस टू विद्यालयों व महाविद्यालयों में इंटरमीडिएट एवं समकक्ष कोर्स के लिए अधिकतम एक वर्ष के लिए दो हजार रुपए
-राज्य के अधीन अंगीभूत, मान्यता प्राप्त महाविद्यालयों में स्नातक स्तरीय कोर्स के लिए पांच हजार
-राज्य के अधीन स्नातकोत्तर कोर्स, एमफिल, पीएचडी के लिए पांच हजार
-राज्य के अधीन सरकारी आईटीआई के लिए पांच हजार
-राज्य के अधीन डिप्लोमा कोर्स, पालीटेकनिक कोर्स के लिए दस हजार रुपए
-राज्य के अधीन तकनीकी, इंजीनयरिंग, मेडिकल, विधि व प्रबंधन के लिए 15 हजार रुपए
-आवेदक को बिहार राज्य का स्थाई निवासी होना होगा
-आवेदक की जाति सरकार द्वारा निर्गत पिछड़ा व अतिपिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल हो
-माता-पिता की आय कुल स्त्रोतों से एक लाख से अधिक नहीं हो
-एक माता-पिता के मात्र दो पुत्रों को ही प्रवेशिकोतर छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी