'मोहब्बत की बुनियाद पर टिका इंसानियत'
जागरण प्रतिनिधि,भागलपुर : मानस सत्संग के आठवें दिन प्रवचन मंच पर मजहबी सौहार्द की अनूठी तस्वीर देखी गई। एक साथ सूफी और संत दोनों ने श्रद्धालुओं और भक्तों को इंसानियत की सीख दे गए। भक्तों को सैय्यद शाह सज्जाद फखरे आलम हसन ने संबोधित करते कहा कि सारे इंसान एक ही आदम के औलाद हैं। इंसानों को चाहिए कि वो नेक कामों पर अमल करें। इंसानियत की बुनियाद मोहब्बत पर टिकी है। नफरत पर नहीं। आपस में मोहब्बत करना सीखें हम। इंसान का दिन अगर नेक है तो उसका जिस्म भी तंदरुस्त रहेगा, अगर दिल में बुरा विचार रहेगा तो जिस्म बीमार हो जाएगा।
वहीं उड़ीसा से पधारे संत भरत दास ने कहा कि चित्र, चरित्र व विचित्र तीनों शब्द को आंख से देखा जाए तो वो चित्र है, कान से सुना जाए तो चरित्र है और जो देखने और सुनने के बाद नहीं कहा जाए तो वह विचित्र है। त्रेतायुग में श्रीराम लीला चित्र है, कलियुग में चरित्र और इसी चरित्र को जब हम प्रवचनकर्ता बोलते हैं तो वह विचित्र हैं। प्रणवपुरी महाराज ने कहा कि जो अपने हित के लिए कार्य करता है वो स्वार्थी कहलाते हैं और जो दूसरों के लिए कार्य करते हैं वो परमार्थी कहलाते हैं।
सत्संग की जानकारी देते समिति के प्रधान संरक्षक दिवाकर चंद्र दुबे व अध्यक्ष मृत्युंजय प्रसाद सिंह ने कहा कि 31 दिसंबर की रात प्रवचन मंच पर सर्वधर्म सद्भावना सभा आयोजित की जाएगी। सत्संग के रजत जयंती वर्ष होने के कारण इस वर्ष 25 बच्चियों के द्वारा आरती थाल सजाई जाएगी। बीते साल की विदाई और नए साल की आगमन की वेला में फूलों की वर्षा की जाएगी।
मानस प्रवचन के सफल आयोजन में नवीन कुमार सिन्हा, अमरेंद्र कुमार सिन्हा, महेश राय, उमेश प्रसाद साह, राजाराम राय, प्रवीण कुमार दास, रणधीर सिंह समेत कई सदस्य जी जान से लगे हुए हैं।
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