इंसानियत की अनोखी मिसाल है एसओएस : डीजे
डॉक्टर हरमन माइनर ने अपने माता-पिता को खोने के बाद जिस दुख-दर्द को महसूस किया था, वो किसी और को उस तकलीफ में नहीं देख सकते थे।
बेगूसराय। डॉक्टर हरमन माइनर ने अपने माता-पिता को खोने के बाद जिस दुख-दर्द को महसूस किया था, वो किसी और को उस तकलीफ में नहीं देख सकते थे। यही कारण था कि उन्होंने अपनी बहन के साथ मिल कर एसओएस बालग्राम की स्थापना की। आज यह छोटा से वृक्ष दुनिया के 134 देशों में अपनी छांव दे रहा है। उक्त बातें ¨सघौल एसओएस बालग्राम में आयोजित डॉ. हरमन माइनर की जयंती समारोह एसओएस डे का उदघाटन करने के पश्चात जिला जज गंगोत्री राम त्रिपाठी ने कहीं।
उन्होंने कहा कि एसओएस इंसानियत की एक अनोखी मिसाल पेश कर रहा है। जहां अपने माता-पिता को खो देने वाच्े बच्चों को एक घर और मां का सुख दिया जाता है। सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक रमेंद्र कुमार ने कहा कि एक ओर जहां आज इंसानियत द¨रदगी की ओर बढ़ रही है वहीं आज भी बहुत सारे लोग, संस्थानें उसे जीवित रखने के लिए बेहतरीन कार्य को अंजाम दे रहे हैं। उसका एक उदाहरण एसओएस बालग्राम भी है। यहां की व्यवस्था देख मन को बड़ी शांति हुई है। एसओएस ¨सघौल के निदेशक राकेश कुमार सिन्हा ने बताय कि प्रत्येक वर्ष 23 जून को एसओएस के संस्थापक डॉ. हरमन माइनर की जयंती के अवसर पर एसओएस डे का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में शुक्रवार की संध्या भी धूमधाम से एसओएस डे मनाया गया। इस अवसर पर अतिथियों ने डॉ. माइनर की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर श्रद्धांजलि दी। एसओएस कच् बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। साल भर में पढ़ाई,खेल-कूद मच् अच्छा प्रदर्शन करने वाच्े बच्चों को पुरस्कृत किया गया। मौके पर उपमेयर राजीव रंजन, आइएमए के अध्यक्ष डॉ. एस. पंडित, मुकेश कुमार, मनोज कुमार, मंजू कुमारी, लक्ष्मी प्रसाद, चन्द्रप्रकाश पोद्दार, अनुज वर्मा, बीआरडीएवी की प्राचार्य मिस अंजलि सहित अन्य उपस्थित थे।