उर्दू स्कूलों में नागपंची की छुट्टी मांगने पर भड़के डीपीओ
बेगूसराय सदर : टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ द्वारा शनिवार को जिला के उद
बेगूसराय सदर : टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ द्वारा शनिवार को जिला के उर्दू प्रारंभिक विद्यालयों में 24 जुलाई को नागपंचमी की छुट्टी देने की मांग पर डीपीओ सर्वशिक्षा अभियान भड़क उठे। डीपीओ छुट्टी की मांग करने वाले संघ के पदाधिकारियों को गैर मान्यता प्राप्त संघ होने की बात कहते हुए कार्यालय से बाहर कर दिया। जिसके बाद शिक्षक डीपीओ एसएसए कार्यालय के मुख्यद्वार पर ही धरना पर बैठ गए। डीपीओ का कहना था कि जो शिक्षक संघ सरकारी सूची में शामिल है हम उसी संघ से बात कर कर सकते हैं, कोई भी अपना संघ बनाकर आ जाएगा तो हम उससे बात करने को बाध्य नहीं हैं। बताते चलें कि 24 जुलाई यानी नागपंचमी रविवार को पड़ रहा है। जिसके कारण हिन्दी मीडियम स्कूल में अवकाश तो रहेगा ही। परंतु, उर्दू स्कूलों में शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश होने के कारण वह रविवार को खुला रहता है। जिसमें कार्यरत हिन्दू शिक्षकों के लिए उर्दू विद्यालयों में भी नागपंचमी की छुट्टी मांगी जा रही थी। बाद में कुछ अन्य शिक्षकों एवं एसएसए कार्यालय के कर्मियों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। तत्पश्चात डीपीओ ने एक पत्र निकालकर उर्दू विद्यालयों में भी 24 जुलाई को नागपंचमी की छुट्टी देने की घोषणा की। टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष राजू ¨सह ने बताया कि हिन्दी स्कूलों में सात जुलाई को नागपंचमी की छुट्टी दी गई है, जबकि उर्दू स्कूलों में नागपंचमी की छुट्टी सात अगस्त को देने का शिड्यूल जारी कर दिया गया था। जिसे हम लोग बदलने की मांग कर रहे थे। मौके पर संघ के संयोजक मिलन मिश्रा, जिला सचिव चन्द्रभूषण भारद्वाज, अभिनंदन कुमार, कोषाध्यक्ष संजीत कुमार, संजीव कुमार, सुबोध कुमार, राजेश कुमार, प्रहलाद चौधरी, निरंजन चौधरी, मो. जारेज, मो. तनवीर, मो. अशफाक, राम कुमार आदि मौजूद थे।
बोले, डीपीओ एसएसए एके पांडेय
सर्वशिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अजय कुमार पांडेय ने बताया कि प्रदर्शनकारी शिक्षक नेता राजू ¨सह से सुबह ही उनकी बात हुई थी। उन्होंने नेता को बताया था कि बिहार अराजपत्रित शिक्षक संघ एवं जिला अल्पसंख्यक प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा उन्हें नागपंचमी के अवकाश से संबंधित पत्र मिल चुका है। जिस पर शाम तक अवकाश संबंधित पत्र जारी कर दिया जाएगा। उसके बावजूद वे कुछ शिक्षकों को लेकर कार्यालय में घुस आए और हंगामा शुरु कर दिया। जिससे कार्यालय का कार्य बाधित हो गया। हम बार-बार यही कह रहे थे कि जब हम पत्र जारी कर ही रहे हैं तो फिर आंदोलन का क्या औचित्य है।