बेगूसराय को बनाया जा सकता है पर्यटन हब : पूर्व आईजी
बेगूसराय सदर : पुरातत्व विदों के अनुसार बेगूसराय जिला में बहुत कुछ पुरातत्विक है। अगर
बेगूसराय सदर : पुरातत्व विदों के अनुसार बेगूसराय जिला में बहुत कुछ पुरातत्विक है।
अगर कुछ प्रयास किया जाए तो बेगूरसराय को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। उक्त बातें शनिवार को संग्रहालय बेगूसराय में डा. पी गुप्ता की पुण्यतिथि पर आयोजित व्याख्यानमाला में अपने विचार प्रकट करते हुए पूर्व पुलिस महानिरीक्षक उमेश कुमार ¨सह ने कहीं। केपीजेआर पटना के पूर्व निदेशक चितरंजन प्रसाद सिन्हा ने कहा कि अब तक बेगूसराय जिला में सिर्फ एक ही स्थान जयमंगलागढ़ है जिसकी सही ढंग से खुदाई की गई है। जबकि बेगूसराय जिला में ऐसे कई स्थान हैं जहां पर अगर सही ढंग यानी वैज्ञानिक खुदाई की जाए तो हमे छठी शताब्दी की बहुत सारी सामग्रियां मिल सकती हैं। यह क्षेत्र छठी शताब्दी में काफी समृद्ध रहा था। प्रसिद्ध चित्रकार व आर्ट एंड कल्चर के सचिव डा. सुनील कुमार मंजुल ने कहा कि पुरातत्व और कला का सीधा रिश्ता समाज से होता है। आप विज्ञान से इंकार कर सकते हैं परंतु, कला से नहीं। भू-वैज्ञानिक व पर्यावरणविद् डा. मेहता नागेंद्र ¨सह ने कहा कि विश्व का सबसे स्वच्छ और मीठा जल बेगूसराय में है, वह कावर झील के नाम से जाना जाता है। परंतु, 15 हजार एकड़ में फैला यह झील हमारी उदासीनता के कारण धीरे-धीरे सिमट कर अब सिर्फ पांच हजार एकड़ तक पहुंच गया है। वहीं, बीएमपी-8 के कमांडेंट सुधीर कुमार ¨सह, जिला शिक्षा पदाधिकारी दिनेश साफी, वरिष्ठ चित्रकार सीताराम, समाजसेवी राजीव कुमार सहित अन्य ने भी अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ लेखक पुष्पराज ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन आयोजक पीवी फाउंडेशन के अधिकारी रामशेखर ¨सह व अतिथियों का स्वागत चंदन कुमार ने किया। मौके पर वरिष्ठ रंगकर्मी सह फिल्म निर्माता अनिल पतंग, समाजसेवी विष्णुदेव ¨सह, चितरंजन ¨सह, अनिल कुमार अंजान आदि ने किया।