संकट के दौर से गुजर रही है भारतीय संस्कृति : विज्ञानदेव
बेगूसराय । भौतिकवादी प्रवृत्ति के चलते हम अपनी सनातन वैदिक परंपराओं से दूर होते जा रहे है
बेगूसराय । भौतिकवादी प्रवृत्ति के चलते हम अपनी सनातन वैदिक परंपराओं से दूर होते जा रहे हैं। भारत के लोगों को अपनी संस्कृति से अनभिज्ञ रहना कतई ठीक नहीं है। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष ही भारतीय संस्कृति का आधार है। उक्त बातें सदगुरु सदाफलदेव विहंगम योग संस्थन के संत प्रवरश्री विज्ञानदेव जी महाराज ने राजकीय पोलिटेक्निक महाविद्यालय के मैदान में सदगुरु स्वतंत्रदेव जी महाराज के 68वें त्रिदिवसीय जन्मोत्सव के दूसरे दिन प्रवचन के दौरान कहीं। भारत ऋषि महर्षियों का देश है। भारत की पहचान अध्यात्म है। आज भारतीय संस्कृति संकट के दौर से गुजर रही है। आवश्यकता आत्म¨चतन व मंथन की है।
अध्यात्मिक समारोह को सफल बनाने में जिला संयोजक विपिन कुमार ¨सह, रामसखा कुंवर, महेश चौधरी, कृष्णा पोद्दार सहित अन्य श्रद्धालु अपना योगदान दे रहे हैं।