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बेगूसराय संग्रहालय: आइए, अपने समृद्ध विरासत को जानें

निरंजन, संवाद सहयोगी, बेगूसराय : बेगूसराय की बुलंद ऐतिहासिक विरासत को देखना हो, तो एकबार अवश्य लोहिय

By Edited By: Published: Tue, 17 Mar 2015 06:18 PM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2015 06:18 PM (IST)
बेगूसराय संग्रहालय: आइए, अपने समृद्ध विरासत को जानें

निरंजन, संवाद सहयोगी, बेगूसराय : बेगूसराय की बुलंद ऐतिहासिक विरासत को देखना हो, तो एकबार अवश्य लोहियानगर रेलवे गुमटी के समीप स्थित बेगूसराय संग्रहालय आएं। यहां बौद्ध काल, मौर्य काल, मुगल काल से लेकर पाल कालीन पुरावशेष मौजूद हैं। जानकारी अनुसार प्राचीन बौद्ध ग्रंथ अंगुत्तर और महावग्ग में बेगूसराय के लिए अंगुत्तराप शब्द का प्रयोग किया गया है।

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बेगूसराय जिला के जयमंगलागढ़, नौलागढ़, वीरपुर, बरैपुरा, विक्रमपुर, नुरुल्लाहपुर, सिंघौल, राजवाड़ा, गढ़पुरा, एजनी, एकंबा, मालीपुर, मोरत्तर, मेघौल, वासुदेवपुर कैथ, बरैठ आदि जगहों से प्रचुर मात्रा में ऐतिहासिक सामग्रियां मिले हैं। ये ऐतिहासिक विरासत बेगूसराय संग्रहालय में संजो कर रखे गये हैं।

बेगूसराय संग्रहालय की स्थापना

वर्ष 1981 में बेगूसराय संग्रहालय की स्थापना हुई। जो वर्ष 2005 ई तक अशोक नगर, पोखरिया में भाड़े के मकान में चला। जिसे तत्कालीन जिला पदाधिकारी संदीप पौंड्रिक की पहल पर लोहियानगर गुमटी के समीप एक भव्य इमारत नसीब हुआ।

क्या-क्या है संग्रहालय में संरक्षित

मृण्मय मूर्तियां : संग्रहालय में मौर्य काल से पाल काल तक के पकी मिट्टी के बर्तनों के टुकड़े, भवन की ईट, मानव, पशु-पक्षी की आकृति के खिलौने, गुलेल की गोलियां, हथगोले (मिट्टी) अभिलेखयुक्त मिट्टी की मुहरें आदि बड़ी मात्रा में संग्रहित हैं।

मृदभांड : कृष्णलोहित, सादा धूसर, उत्तरीकृष्ण, परिमार्जित लाल गेरुआ, काला एवं हरे रंग का मृदभांड के टुकड़े संरक्षित हैं, जो नव पाषाणकाल से लेकर मध्यकालीन समाज के एक तरह से आइना हैं।

मुद्राएं : यहां प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के सिक्के का एक बड़ा संग्रह संरक्षित है। जिसकी संख्या पांच हजार के आसपास है। संग्रहालय में पालकालीन चांदी के श्री विग्रह लेख युक्त सिक्के, स्वर्ण मुद्रा, 13वीं व 14वीं शताब्दी के मुस्लिम राजाओं के तांबे एवं चांदी के सिक्के, ताम्र व रजत मुद्राओं के साथ-साथ ईस्ट इंडिया कंपनी, ब्रिटिश-ईस्ट तथा स्वतंत्र भारत की विभिन्न मुद्राएं रखी गयी है।

इसके साथ-साथ तार के पत्ते पर हस्तलिखित महाभारत, बौद्धकालीन स्तूप, प्राचीन प्रतिमाएं, पत्थर, आभूषण के अलावा जिला के ऐतिहासिक महत्व की सामग्री रखे गए हैं।

किस समय यहां आवें

यह संग्रहालय सुबह साढ़े दस बजे से साढ़े चार बजे तक खुली रहती है। लेकिन सोमवार को बंद रहता है। यहां चार चतुर्थवर्गीय कर्मी एवं लेखापाल स्थायी रूप से नियुक्त हैं। जबकि संग्रहालयाध्यक्ष जयप्रकाश नारायण सिंह बेगूसराय के अलावा तीन संग्रहालय के चार्ज में हैं।


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