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चढ़ने लगा होली का खुमार

बलवंत चौधरी, संवाद सहयोगी, छौड़ाही (बेगूसराय) : बसंत अपनी पूरे रौ में है। इस मधुर मौसम का सदाबहार त्य

By Edited By: Published: Tue, 03 Mar 2015 11:16 AM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2015 11:16 AM (IST)
चढ़ने लगा होली का खुमार

बलवंत चौधरी, संवाद सहयोगी, छौड़ाही (बेगूसराय) : बसंत अपनी पूरे रौ में है। इस मधुर मौसम का सदाबहार त्योहार होली 5 व 6 मार्च को है। गांव, गांव में, 'फागुन मे फाग पिया संग खेलब, खेलब बलजोरी..' की स्वर लहरिया गूंजायमान होने लगी है। युवाओं पर भी फगुआ (होली) का असर देखा जा रहा है। वे डीजे, ढोल की थाप पर होली गा रहे हैं।

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ढोल की थाप पर फगुआ की बयार

आधुनिक समय में होली के रंग जरूर बदले हैं। लेकिन, गांव- जवार की गलियों में अब भी होली के सभी रंग दिख जा रहे हैं। दालानों पर शाम में जमघट लगना प्रारंभ हो गया है। छौड़ाही के अरुण सिंह उर्फ झलक बाबा के नेतृत्व में जब ढोल- झाल के संगत में 'भर फागुन श्याम खेले होली..' की धुन निकलती है तो लोग नाचने झूमने लगते हैं। दूसरी ओर जोगिरा के माध्यम से ताजा सामाजिक हालातों पर व्यंग्य वाण चलाये जाते हैं। कविवर विद्यापति, भिखारी ठाकुर के गीतों से लेकर फिल्मी गीतों में 'फगुआ की बयार' बह रही है।

नहीं सुनाई पड़ रहे 'परदेसिया बड़ा दुखियारी..' के बोल

इसबार होली के अवसर पर 'अश्लील गीतों' के कैसेट भी बाजार में बड़े पैमाने पर उपलब्ध है। कभी होली गीतों के बादशाह रहे सहुरी के सियाराम महाराज कहते हैं कि, पहले पूरे फागुन में 'परदेसिया बड़ा दुखियारी..' 'किनका हाथ कनक पिचकारी, किनका हाथ अबीर झोली..' की गूंज सुनाई पड़ती थी, परंतु अब तो भोजपुरिया गाने से कान पक रहे हैं।

होली गीतों का बाजार

होली गीतों के बाजार पर भोजपुरी द्विअर्थी गीतों का कब्जा हो गया है। छौड़ाही बाजार के नटवर इलेक्ट्रिक के मालिक नटवर लाल कहते हैं कि, राधेश्याम रसिया, गुड्डू रंगीला, पवन सिंह, मनोज मृदुल, छोटू रंगीला, छैला बिहारी के गीतों की भारी मांग है। कहा, इन कलाकारों के औसतन 100 से 120 रुपये में एलबम रोजाना बिक रहे हैं। कहा, इसके बाद पुराने फिल्मी होली गीतों की दस से बारह रुपये में सीडी बिक रही है।

द्विअर्थी गीतों से परेशानी

द्विअर्थी भोजपुरी गीतों से आमजन परेशान हो रहे हैं। खासकर महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बस, ऑटो से लेकर चाय-पान की दुकानों पर खुलेआम इन गीतों को बजाया जा रहा है। बखरी की सरिता कुमारी, प्रमिला देवी, छौड़ाही की शर्मिला देवी आदि ने कहा कि, इन गीतों को बजाने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। वहीं छौड़ाही प्रखंड प्रमुख रंजना देवी, पूर्व प्रमुख अवंतिका देवी, मुखिया शबाना बेगम, समाजसेवी फूलेंद्र चौधरी आदि ने भी प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है।

कहते हैं अधिकारी

छौड़ाही के सीओ संतोष श्रीवास्तव व ओपी अध्यक्ष राजरतन ने कहा कि, शिकायत मिलने पर कार्रवाई होगी। मानक से ज्यादा आवाज में कोई भी गीत बजाने पर कार्रवाई की जाएगी।


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